एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) के खिलाफ मुंबई महानगरपालिका (Mumbai Municipal Corporation) ने कारवाई करने की अपनी प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. सोनू पर आरोप है कि बिना जरूरी दस्तावेज और नगरपालिका की अनुमति के उन्होंने जुहू स्थित अपने निवासी अपार्टमेंट को होटल में तब्दील किया गया है. ज्ञात हो कि बिना अनुमति के किसी भी रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी (residential property) को कमर्शियल तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लेकिन सोनू ने इस बात की अनदेखी करते हुए अपने अपार्टमेंट को लॉजिंग रूम की तरह इस्तेमाल किया है.
मिड-डे की खबर के अनुसार, मुंबई महानगरपालिका ने सितंबर, 2018 में निवासी अपार्टमेंट शिव सागर को लॉजिंग रूम में बदलने की सोनू सूद के आवेदन को नामंजूर कर दिया था. इस मामले में सोनू ने अब तक पने इस आवेदन में जरूरी बदलाव करके बीएमसी (BMC) को पेश नहीं किया था. इस बात को लेकर मिल रही अनगिनत शिकायतों के बाद, के पश्चिम विभाग (K West Ward) के हेल्थ डिपार्टमेंट अधिकारियों ने सोनू के प्रॉपर्टी का मुआयना किया और पाया कि प्रॉपर्टी के ग्राउंड फ्लोर और पूरी 6 मंजिला को लॉज के रूप में उपयोग किया जा रहा है. इसमें कुलमिलाकर 23 कमरें मौजूद हैं.
बीएमसी ने इस बात पर जोर दिया है कि इस प्रॉपर्टी पर फौरन किसी भी तरह की ट्रेड प्रैक्टिस को बंद किया जाए अन्यथा सोनू पर एमएमसी एक्ट की सेक्शन 394 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
के पश्चिम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोनू के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और जब भी कोर्ट उनके खिलाफ समन जारी करके, उन्हें पेश होना ही होगा. अगर लॉजिंग सर्विस फिर भी बंद नहीं किया गया तो उनपर बीएमसी एक और मामला दर्ज करेगी जहां उन्हें प्रति दिन के हिसाब से दंड भरना होगा.
इस मामले को लेकर बिल्डिंग प्रपोजल डिपार्टमेंट ने वार्ड ऑफिस और फैक्ट्री डिपार्टमेंट को भी आदेश दिया है कि प्रॉपर्टी की इंस्पेक्शन की जाए और अगर उन्हें मिल रही शिकायतें सही पाई जाती हैं तो सोनू के खिलाफ योग्य कार्यवाई भी की जाए.
वहीं अब सोनू सूद का कहना है कि वो बीएमसी को दिया गया उनका प्रस्ताव अभी जांच के दायरे में है और वो सभी आदेशों का पालन कर रहे हैं. उन्हें बीएमसी द्वारा की जा रही कारवाई के बारे में नहीं पता था क्योंकि इसे लेकर उन्हें किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी.