हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में किया गया यह नवीनतम हमला है. यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब अमेरिका ने लाल सागर में आठ महीने तक तैनात रखने के बाद अपने युद्ध पोत 'यूएसएस ड्वाइट डी. आइजनहावर' को वापस बुला लिया है. हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए इन हमलों के कारण एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोपीय बाजारों तक समुद्र के रास्ते वस्तुओं की आपूर्ति करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
हूतियों का कहना है कि गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी रहने तक वे हमले करना जारी रखेंगे. ब्रिटेन की सेना के 'यूनाइटेड किंगडम मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन सेंटर' ने बताया कि ड्रोन हमला विद्रोहियों के कब्जे वाले बंदरगाह शहर होदेदा के तट पर तड़के हुआ था. यह भी पढ़ें : विदेश मंत्री जयशंकर आज करेंगे संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा
इसने कहा कि ड्रोन हमले से जहाज क्षतिग्रस्त हो गया है, हालांकि उसपर सवार नाविक सुरक्षित हैं. निजी सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने बताया कि यह एक कंटेनर जहाज था और इस पर लाइबेरिया का झंडा लगा था. उसने बताया कि जहाज चीन की ओर जा रहा था. हूती ने इस हमले की अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है.