बेंगलुरू, 17 जून कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा भूमि संबंधी अधिसूचना वापस लेने के एक मामले में शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश हुए।
वरिष्ठ अधिवक्ता सी. वी. नागेश के साथ पहुंचे येदियुरप्पा ने जमानत के लिए आवेदन किया, जिसके बाद सत्र न्यायाधीश बी. जयंत कुमार ने शिकायतकर्ता के वकील से इस पर जवाब देने को कहा।
शिकायतकर्ता के वकील के. वी. धनंजय ने इसके लिए समय मांगते हुए कहा कि जमानत याचिका का अध्ययन करने के बाद जवाब दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, "अगर जमानत का विरोध करने की वजह हुई तो आपत्ति दायर की जाएगी।"
इसके बाद मामले को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विशेष अदालत ने 2013 में वासुदेव रेड्डी द्वारा दायर एक निजी शिकायत पर 79 वर्षीय नेता को तलब किया था।
लोकायुक्त पुलिस ने सबूतों के अभाव में मामला रद्द करने की रिपोर्ट दायर की थी। हालाँकि, विशेष अदालत ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा ने 2006 में उपमुख्यमंत्री के रूप में बेंगलुरु के बेलंदूर और देवरबीसनहल्ली में 15 एकड़ और 30 गुंटा भूमि को लेकर अवैध रूप से अधिसूचना वापस ली थी जिसका एक आईटी पार्क के लिए अधिग्रहण किया गया था।
मुख्य आरोपी तत्कालीन उद्योग मंत्री आर वी. देशपांडे के खिलाफ मामला 2015 में उच्च न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया गया था। येदियुरप्पा इस मामले में अब एकमात्र आरोपी हैं जो भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम के तहत सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पार्क के लिए बेलंदूर, देवरबीसनहल्ली, करियाम्मना अग्रहारा और अमानीबेलंदूर खाने गांवों में 434 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। आरोप है कि येदियुरप्पा ने कुछ व्यक्तियों के पक्ष में इसमें से कुछ भूमि से संबंधित अधिसूचना को वापस ले लिया था।
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