जरुरी जानकारी | सभी देशों के हित में हो डब्ल्यूटीओ का मत्स्य पालन समझौता : सूत्र

नयी दिल्ली, 25 मई भारत मत्स्य पालन सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के प्रस्तावित समझौते पर सहमत होगा लेकिन इसके लिये जरूरी है कि यह सभी के लिये समानता के आधार पर वृद्धि सुनश्चित करे और सदस्य देशों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचाये। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह कहा।

डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश मछली पकड़ने की टिकाऊ व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये नुकसानदायक सब्सिडी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

इस बारे में मतभेदों को दूर करने और 12 जून से शुरू 12वें मंत्री स्तरीय सम्मेलन तक समझौते पर पहुंचने के प्रस्ताव पर जिनेवा में गहन बातचीत जारी है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘भारत बातचीत को निष्कर्ष पर पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके लिये जरूरी है कि यह सभी के लिये समानता के आधार पर वृद्धि सुनश्चित करे। साथ ही सदस्य देशों के हितों को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाये बिना भविष्य के लिये मछली पकड़ने की क्षमता के विकास के लेकर स्वतंत्रता हो।’’

उसने कहा कि मतभेद दूर करने को लेकर बातचीत जारी है और भारत पूरी प्रक्रिया में सक्रियता से शामिल है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि बातचीत का सकारात्मक परिणाम आएगा क्योंकि हर किसी ने काफी प्रयास किये हैं। हमें लगता है कि सकारात्मक परिणाम आएगा और जो हर किसी के लिये फायदेमंद होगा।’’

बातचीत की अगुवाई कर रहे कोलंबिया के राजदूत सैंटियागो विल्स ने मुद्दों के समाधान को लेकर 30 मई से सदस्य देशों की एक सप्ताह की बैठक बुलाई है।

भारत ने कहा है कि जो विकासशील देश सुदूर जल क्षेत्र में मछली पकड़ने में शामिल नहीं हैं, उन्हें कम से कम 25 साल के लिये सब्सिडी प्रतिबंधों से छूट दी जानी चाहिए। इसका कारण इन देशों में यह क्षेत्र अभी भी शुरुआती अवस्था में है।

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