हर्मोसिलो (मैक्सिको), 10 सितंबर: भारतीय कंपाउंड तीरंदाज प्रथमेश जावकर को डेनमार्क के माथियास फुलर्टन से शूट ऑफ में हारने के कारण विश्व कप तीरंदाजी फाइनल में रजत पदक से संतोष करना पड़ा. शंघाई विश्व कप विजेता जावकर दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और गत चैंपियन माइक श्लोसेर को चार महीने में दूसरी बार हराकर फाइनल में पहुंचे थे. यह भी पढ़ें: Fan Creates Virat Kohli’s Portrait With Tongue: विराट कोहली के फैन ने जीभ से बनाई भारतीय स्टार क्रिकेटर की तस्वीर, देखें वायरल वीडियो
खिताबी मुकाबले में वह हालांकि फुलर्टन से 148-148 (10-10*) से हार गए. फुलर्टन को केंद्र के करीब अधिक निशाने लगाने के कारण विजेता घोषित किया गया. जावकर तीसरे दौर के बाद 89-90 से पीछे चल रहे थे लेकिन चौथे दौर में उन्होंने 30 में से 30 अंक बनाए और स्कोर 119 पर बराबर कर दिया.
इसके बाद पांचवें और अंतिम दौर में दोनों तीरंदाजों ने समान 29 अंक बनाए. टाईब्रेकर में भी दोनों का स्कोर समान रहा लेकिन भारतीय खिलाड़ी को मामूली अंतर के कारण रजत पदक से संतोष करना पड़ा. महाराष्ट्र के इस तीरंदाज ने इससे पहले सेमीफाइनल में श्लोसेर को 150-149 से पराजित किया था.
श्लोसेर ने हालांकि कांस्य पदक के मुकाबले में अनुभवी खिलाड़ी अभिषेक वर्मा को 150-149 से हराकर भारत को दूसरा पदक हासिल नहीं करने दिया. वर्मा इससे पहले सेमीफाइनल में फुलर्टन से 147-150 से हार गए थे.
इस बीच भारतीय महिला कंपाउंड तीरंदाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया। भारत की अदिति स्वामी और ज्योति सुरेखा वेन्नम दोनों ही पहले दौर से आगे नहीं बढ़ पाई। ज्योति को कोलंबिया की सारा लोपेज ने पांच अंकों के बड़े अंतर से हराया.
सभी की निगाहें गत विश्व चैंपियन अदिति स्वामी पर टिकी थी लेकिन यह 17 वर्षीय खिलाड़ी दबाव नहीं झेल पाई और उन्हें डेनमार्क की तंजा गेलेंथिएन से शूट ऑफ में 145-145 (9-10) से हार का सामना करना पड़ा.
रिकर्व वर्ग में भाग ले रहे भारत के एकमात्र खिलाड़ी धीरज बोम्मदेवरा को शुरुआती दौर में कोरियाई हेवीवेट किम वूजिन से हार का सामना करना पड़ा. महिला रिेकर्व वर्ग में भारत की किसी भी खिलाड़ी ने हिस्सा नहीं लिया था यह पहला अवसर था जबकि भारत के पांच खिलाड़ियों ने साल की अंतिम प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई किया था.
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