लखनऊ, 22 मई उत्तर प्रदेश में 85 प्रतिशत औद्योगिक इकाइयां क्रियाशील हो चुकी हैं, फैक्ट्रियों में उत्पादन शुरू हो गया है। फैक्ट्रियों में कार्य करते हुए कोविड-19 से बचाव के निर्देशों तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जा रहा है। साथ ही शेष 15 फीसदी इकाइयों में जल्द ही पूरी क्षमता के साथ उत्पादन शुरू हो जायेगा।
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शुक्रवार को एक बयान में कहा
कि लॉकडाउन से प्रभावित उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए किये जा रहे प्रयास के कारण अपेक्षा से अधिक निवेश आने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि उद्योग-धंधों के फिर से पटरी पर आने से राज्य की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी।
महाना ने बताया कि लॉकडाउन के दूसरे चरण के बाद उद्योगों के फिर से शुरू होने से इंडस्ट्रियल फीडर पर बिजली की खपत बढ़ने लगी है। इस बाबत ऊर्जा विभाग के औद्योगिक फीडर पर हुई बिजली खपत के आंकड़े रखते हुए उन्होंने बताया कि औद्योगिक पोषक (जिन्हें 24 घंटे बिजली आपूर्ति होती है) की तादाद 518 है। इस साल फरवरी में इनमें प्रतिदिन बिजली खपत 8,630 मेगा यूनिट होती थी। लाकडाउन के अप्रैल महीने में यह खपत घटकर 3198 मेगा यूनिट यानी 37.05 प्रतिशत रह गई। इसके बाद औद्योगिक फीडर पर ऊर्जा खपत फिर धीरे धीरे बढ़ने लगी। अब 21 मई तक प्रदेश में 7,246 मेगा यूनिट बिजली रोज खपत होने लगी है।
उन्होंने बताया कि बिजली की बढ़ती खपत के इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि उद्योगों में फैक्ट्रियों में उत्पादन तेजी से शुरू हो गया है।
महाना ने बताया कि पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक व दिल्ली से श्रमिकों के यूपी लौटने से उत्तर प्रदेश में यहां के उद्योगों को ज्यादा आर्डर मिलने लगे हैं। मसलन साइकिल व रिक्शा कलपुर्जे बनाने की ढेरों इकाइयां पंजाब में हैं। लेकिन वहां श्रमिकों की कमी होने से काम प्रभावित होने लगा है। इस कारण उत्तर प्रदेश में इस तरह की यूनिट को माल निर्माण का आर्डर मिल रहा है। कहीं तो तीन गुना ज्यादा आर्डर मिल रहे हैं।
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