सऊदी अरब के कामयाब स्टार्टअप्स के पीछे महिलाओं का योगदान है. यह 'विजन 2030' का हिस्सा है, जिसे सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान ने शुरू किया.कामयाब स्टार्टअप्स और व्यापारिक महिलाओं के बिना आज सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की कल्पना भी असंभव है. एक दशक पहले स्थिति काफी अलग थी. "स्टार्टअप कंपनियों के लिए बिल्कुल भी कोई इकोसिस्टम नहीं था," रियाद में पहली महिला उद्यमियों में से एक, महा शिराह ने डीडब्ल्यू को बताया.
व्यवसाय शुरू करना विशेष रूप से महिलाओं के लिए कठिन था. जब शिराह ने 2014 में महिलाओं के लिए देश का पहला वर्कस्पेस खोला था, तब भी कई उद्योगों में महिलाओं की भागीदारी को लेकर कानूनी प्रतिबंध थे.
अब दस साल बाद, सऊदी वाणिज्य मंत्रालय ने महिलाओं के लिए वर्कस्पेसेस की एक व्यापक सूची जारी की है. न केवल स्थानीय स्टार्टअप्स कामयाब हो रहे हैं, बल्कि सभी व्यवसायों में महिलाओं के योगदान से तरक्की हो रही है.
महिलाएं चुन रही हैं व्यापार को
हाल ही में विश्व बैंक की रिपोर्ट (महिला, व्यवसाय और कानून 2024) के अनुसार, "जब महिलाओं के काम करने के निर्णयों, वेतन और पेंशन को प्रभावित करने वाले कानून और व्यवसाय शुरू करने और चलाने में बाधाओं पर कानूनों की बात आती है, तो सऊदी अरब को पूरे 100 अंक मिलते हैं.”
सऊदी अरब साम्राज्य की 2021-2022 की महिला रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 95 प्रतिशत सऊदी महिलाओं ने व्यापार को एक अच्छे करियर विकल्प के रूप में चुना. हालांकि अभी तक महिलाओं की अर्थव्यवस्था में भागीदारी और महिला व्यापारियों को लेकर आंकड़े प्रकाशित नहीं हुए हैं, लेकिन नतीजे स्पष्ट हैं.
वाशिंगटन में स्थित अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट थिंक टैंक के विजिटिंग फेलो टिम कैलेन ने जनवरी 2024 में कहा, "2017 और 2021 के बीच, सऊदी महिलाओं की अर्थव्यवस्था में भागीदारी दर 17.4 प्रतिशत से दोगुनी होकर 35.6 प्रतिशत हो गई, जो इसे 30 प्रतिशत तक बढ़ाने के 'विज़न 2030' लक्ष्य से कहीं अधिक है."
इसमें कोई संदेह नहीं है कि ‘विजन 2030' का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहा है. यह सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान द्वारा जनवरी 2016 में शुरू की गई सामाजिक आर्थिक सुधारों की पहल है.
इस पहल में वर्कफोर्स में महिलाओं को शामिल करना, बेरोजगारी के गंभीर मुद्दे से निपटना, तेल राजस्व से विविधीकरण पर जोर देना और देश को पर्यटकों के लिए खोलना शामिल है.
सऊदी स्टार्टअप को बढ़ावा
शिराह ने कहा, "मुझे अच्छी तरह से याद है कि 2017 से पहले, स्कूल या विश्वविद्यालय में बहुत कम पाठ्यक्रम स्टार्टअप या व्यवसाय पर केंद्रित थे." उन्होंने यह भी बताया कि व्यवसाय शुरू करना केवल अमीर लोगों के लिए एक विकल्प था और बाकी सभी के लिए इसे "'कलंक' माना जाता था."
2014 में महा शिराह द्वारा रियाद में अपना स्टार्टअप ‘शीवर्क्स' खोलने के बाद से महिलाओं के लिए वर्कस्पेस आम हो गए हैं. हालांकि आजकल सरकारी पहल के कारण "ठोस विचार वाला हर कोई व्यापारी बन सकता है और जाहिर तौर पर इसमें महिलाएं भी शामिल हैं," उन्होंने कहा.
समय के साथ सरकार ने स्थानीय स्टार्टअप्स में सबसे सक्रिय निवेश किया है. उदाहरण के लिए, इस मार्च के तकनीकी सम्मेलन ‘लीप24' में सऊदी संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 1190 करोड़ डॉलर का आश्चर्यजनक निवेश दर्ज किया गया.
शिराह के हिसाब से, सऊदी स्टार्टअप्स पहले से ही काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और अभी भी बढ़ रहे हैं. उनका मानना है कि अब और अधिक स्टार्टअप एक्सेलरेटर और इनक्यूबेटर की आवश्यकता होगी.
स्टार्टअप इनक्यूबेटर शुरुआती चरण के स्टार्टअप को अपने विचार को व्यवसाय में विकसित करने में मदद करते हैं. एक्सेलेरेटर संसाधनों और मार्गदर्शन के साथ पहले से मौजूद व्यवसायों का समर्थन करते हैं.
इनक्यूबेटर, एक्सेलेरेटर अगला कदम हैं
सऊदी व्यापारिक मरियम मोसल्ली के लिए, जो वर्षों से अपने गैर-लाभकारी संगठन ‘अंडर द अबाया' की मदद से महिला सशक्तिकरण में योगदान दे रही हैं, स्टार्टअप को सलाह देना एक नया प्रयास बन गया है. (अबाया एक ढीली पोशाक है जो सिर, हाथ और पैरों को छोड़कर पूरे शरीर को ढकती है.)
2024 में मोसल्ली ने एक निवेश और व्यवसाय परामर्श कंपनी ‘सी-सूट एडवाइजरी' लॉन्च की. सी-सूट शब्द कंपनी के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और सीओओ (मुख्य परिचालन अधिकारी) जैसे नेतृत्व पदों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने महिलाओं द्वारा संचालित कई स्टार्टअप्स में भी निवेश किया.
उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया, "एक महिला व्यापारी होने के नाते, मैं हमारे सामने आने वाली चुनौतियों को अच्छे से जानती हूं." उन्होंने आगे कहा कि उनके लिए यह "जैसा कहा वैसा करके दिखने का समय है."
अमेरिका में सऊदी राजदूत राजकुमारी रीमा बिन्त बंदर अल सऊद, वर्षों से सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकारों की कट्टर समर्थक रही हैं.
इस बीच व्यापारी यह जानते है कि असफलता सफलता की सीढ़ी ही है. जर्मन सेंटर फॉर एप्लाइड रिसर्च इन पार्टनरशिप विद द ओरिएंट के वरिष्ठ शोधकर्ता सेबस्टियन संस ने डीडब्ल्यू को बताया, "दशकों से, सऊदी अरब में विफलता की धारणा को नापसंद किया गया था.”
उन्होंने कहा, "यह बदल रहा है क्योंकि कई युवा मानते हैं कि विफलता उनके व्यावसायिक अनुभव का हिस्सा हो सकती है और वे अब यह जोखिम लेने को तैयार हैं."
देश की ब्रांडिंग
संस ने कहा, स्टार्टअप की कामयाबी को बढ़ावा देना न केवल समाज के लिए अहम है, बल्कि सऊदी अरब की सरकार के उद्देश्यों को भी पूरा करता है. उन्होंने कहा, "ध्यान आर्थिक विविधीकरण पर है क्योंकि राज्य अब सार्वजनिक क्षेत्र में कई कर्मचारियों को शामिल करने में सक्षम नहीं है और निजी क्षेत्र को मजबूत करने की जरूरत है." "दूसरा कारण स्टार्टअप्स को समर्थन देने का बाहरी और आंतरिक प्रभाव है."
‘विज़न 2030' सुधारों का श्रेय व्यापक रूप से सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान को दिया गया है. उन्होंने कहा, एक तरफ, सरकार संकेत देती है कि वे स्टार्टअप के माध्यम से व्यक्तिगत पहल को बढ़ावा दे रहे हैं. यह राष्ट्र ब्रांडिंग का हिस्सा है.
संस ने कहा कि एक और पहलू भी है: "यह देश में राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान की शक्ति को मजबूत करने का भी हिस्सा है." अधिक महिलाओं को व्यापारी बनने का अवसर मिलने का मतलब यह नहीं है कि सऊदी अरब में महिला अधिकारों की स्थिति सही है.
ह्यूमन राइट्स वॉच ‘वर्ल्ड रिपोर्ट 2024' के अनुसार, "वास्तविक शासक राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान के शासन में अत्यधिक दमन के कारण आगे आने वाले कानूनी सुधार गंभीर रूप से कमजोर हो गए हैं, और ‘लुजैन अल-हथलौल' सहित कई महिला अधिकार रक्षकों पर यात्रा पर प्रतिबंध है और उन्हें निलंबित जेल की सजा दी गई है."