देश की खबरें | जलपाईगुड़ी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में महिला की मौत
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. नयी दिल्ली से जलपाईगुड़ी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार यात्रियों में से एक महिला की रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना में बांदा जिले में किराए के वाहन में जा रहे युवक की मृत्यु हो गई है।
इटावा/बांदा (उत्तर प्रदेश), 28 मई नयी दिल्ली से जलपाईगुड़ी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार यात्रियों में से एक महिला की रास्ते में ही मौत हो गई। वहीं एक अन्य घटना में बांदा जिले में किराए के वाहन में जा रहे युवक की मृत्यु हो गई है।
इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने बृहस्पतिवार को बताया कि नयी दिल्ली से चलकर न्यूजलपाईगुड़ी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार 50 वर्षीय महिला किता शेरपा की कानपुर टूंडला संभाग में चलती ट्रेन में मौत हो गई। वह कालिंमपोंग शिलीगुडी एनजेपी की रहने वाली थी।nयह भी पढ़े | कोरोना वायरस के पिछले 24 घंटों में मणिपुर में 11 नए मामले दर्ज : 28 मई 2020 की बड़ी खबरें और मुख्य समाचार LIVE.
उन्होंने बताया कि प्राप्त सूचना के आधार पर आज सुबह ट्रेन जब इटावा स्टेशन पहुंची तो प्रशासन, पुलिस और रेलवे के अधिकारियों ने शव से ट्रेन से उतारा, सभी औपचारिकताएं पूरी कीं और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए तथा उसके नमूने कोविड-19 जांच के लिए भेजे।
उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव को एक शव वाहन तथा शेपरा की दो बेटथ्यों, दामाद तथा नाती को प्रशासन ने कार से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया।nयह भी पढ़े | Monsoon 2020: मानसून में नहीं होगी देरी, 1 जून से केरल में सक्रिय होने की मौसम विभाग ने की भविष्यवाणी.
बांदा जिले से प्राप्त सूचना के अनुसार, मंबई से किराए के एक वाहन से बनारस लौट रहे एक प्रवासी मजदूर की बुधवार रात यहां बांदा में मौत हो गई। उसे तीन दिन से खांसी और जुकाम की शिकायत थी।
बांदा जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. संपूर्णानंद मिश्रा ने आज बताया, ‘‘किराए के चौपहिया वाहन से मुंबई से बनारस लौट रहे प्रवासी मजदूर रविन्द्र राजभर (28) को उसके परिजन बुधवार रात करीब एक बजे जिला अस्पताल लेकर आए, तब तक उसकी मृत्यु हो चुकी थी। कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए नमूना लेने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सुरक्षित रख दिया गया है।"
रविन्द्र के पिता लालबहादुर राजभर ने बताया, ‘‘वह और उनका बेटा मुंबई में रहकर मजदूरी करते थे। लॉकडाउन के बाद काम बंद हो गया और दोनों वहीं फंस गए।’’
उन्होंने बताया, "वहां से अपने घर बनारस लौटने के लिए चौपहिया वाहन किराए पर लेकर निकले थे। बांदा पहुंचने से पहले बेटे को ज्यादा खांसी आने से उसकी हालत बिगड़ गयी। इलाज के लिए बांदा की सरकारी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।’’
राजभर ने बताया कि "उसे पिछले तीन दिन से खांसी और जुकाम की शिकायत थी। मुंबई से जांच करवाने के बाद दवा लेकर चले थे, तब वहां के चिकित्सकों ने मामूली खांसी और जुकाम बताया था।"
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