Maharashtra: सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा- प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान टीके की कमी का मुद्दा उठाऊंगा
उन्होंने कहा, ‘‘लोग बूस्टर डोज की बात कर रहे हैं. पहले हम सुनिश्चित कर लें कि सभी को दोनों खुराक लग जाएं.’’ ठाकरे ने कहा कि ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली खुराक नहीं ली है. उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी(संभावित) लहर का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है यदि लोग कोविड उपयुक्त आचरण करें और जिन्हें दोनों खुराक लग चुकी हैं , वे भी मास्क लगाते रहें.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राज्य में कोरोना वायरस (Coronavirus) के विरूद्ध टीकाकरण (Vaccination) की धीमी रफ्तार पर रविवार को चिंता प्रकट की और कहा कि वह अगले सप्ताह प्रधानमंत्री के साथ संवाद के दौरान यह विषय उठायेंगे. ठाकरे ने यह भी कहा कि टीकों की अनुपलब्धता के अलावा टीका लेने में लोगों की हिचक भी एक बड़ा मुद्दा है. मुख्यमंत्री ने लोगों से हिचक छोड़कर टीका लगवाने का आह्वान किया. Mumbai COVID-19 Update: मुंबई में पिछले 24 घंटे में 301 कोरोना के नए मामले सामने आए, रिकवरी दर 97 प्रतिशत
दक्षिण मुंबई के पॉश मालाबार हिल इलाके में अपने सरकारी आवास ‘वर्षा’ में वरिष्ठ पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने राजनीति पर किसी भी प्रश्न का उत्तर देने से इनकार कर दिया. इस दौरान उनके साथ उनकी पत्नी रश्मि भी थीं. जब उनसे इस महामारी से निपटने की उनकी सरकार की दीर्घकालिक रणनीति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘पहले तो हम इस काम पर पूरा ध्यान लगायें कि अधिक से अधिक लोग टीका लें तथा राज्य में चिकित्सा अवसंरचना बढ़े.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग बूस्टर डोज की बात कर रहे हैं. पहले हम सुनिश्चित कर लें कि सभी को दोनों खुराक लग जाएं.’’ ठाकरे ने कहा कि ऐसे लोग हैं जिन्होंने पहली खुराक नहीं ली है. उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी(संभावित) लहर का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है यदि लोग कोविड उपयुक्त आचरण करें और जिन्हें दोनों खुराक लग चुकी हैं , वे भी मास्क लगाते रहें.
मुख्यमंत्री ने आर्थिक कठिनाइयां पहुंचाये बगैर महामारी के दौरान कुछ खास गतिविधियों को अनुमति देने का ‘सोचा-समझा जोखिम’ उठाने की भी बात कही. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन नवंबर को उन 40 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर सकते हैं जहां कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण बहुत सुस्त है. इस बैठक में ऐसे जिले शामिल होंगे जहां 50 फीसद से कम पहली खुराक लगी है और दूसरी खुराक की रफ्तार भी धीमी है.
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