ममता बनर्जी ने BJP से पूछा सवाल, हाथरस बलात्कार कांड पर क्यों चुप थे अमित शाह
ममता बनर्जी (Photo Credits ANI)

नंदीग्राम: पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ता की 82 वर्षीय मां शोभा मजुमदार की मौत पर केन्द्रीय गृह मंत्री के शोक व्यक्त करने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने सोमवार को अमित शाह (Amit Shah)  पर पलटवार किया और सवाल किया कि भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हुए हाथरस बलात्कार कांड (Hathras Gangrape Case)  पर गृहमंत्री चुप क्यों थे? भाजपा कार्यकर्ता की मां पर कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने हमला किया था.

ममता ने इस बात पर जोर दिया कि वह महिलाओं के खिलाफ हिंसा का साथ नहीं देती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मजुमदार की मौत के वास्तविक कारण का पता नहीं है. वहीं, भगवा दल ने दावा किया है कि फरवरी में उत्तर 24 परगना जिले के निमता में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों द्वारा फरवरी में की गई पिटाई में लगी चोट के चलते बुजुर्ग महिला की मौत हुई है. भाजपा ने कहा कि महिला के बेटे को भी उस दिन पीटा गया था. यह भी पढ़े: Hathras Gangrape Case: नागरकि संगठनों को हाथरस की जांच में मिली कई ‘संस्थागत चूक’, कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की जांच में हुआ समझौता

नंदीग्राम में एक रैली में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता है कि दीदी (शोभा) की मौत कैसे हुई। हम महिलाओं के खिलाफ हिंसा का साथ नहीं देते हैं। मैंने कभी भी हमारी माताओं-बहनों के खिलाफ हिंसा का साथ नहीं दिया है। लेकिन भाजपा इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अमित शाह ट्वीट कर रहे हैं और कह रहे हैं कि ‘बंगाल का क्या हाल है।’ उत्तर प्रदेश के हाथरस में जब महिला पर हमला हो रहा था, उसके साथ निर्मम व्यवहार किया जा रहा था, तब वह चुप क्यों थे?’’

यह रेखांकित करते हुए कि आदर्श अचार संहिता लागू होने के कारण कानून-व्यवस्था अब चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में तृणमूल कांग्रेस के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं. शोभा मजुमदार की मौत पर शोक जताते हुए गृहमंत्री ने आज दिन में कहा था कि उनके परिवार का दुख-दर्द लंबे समय तक तृणमूल कांग्रेस की मुखिया को सताता रहेगा.

शाह ने ट्वीट किया था, ‘‘बंगाल की बेटी शोभा मजुमदार की मौत से बहुत दुखी हूं, जिनकी तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने पिटाई कर दी थी। उनके परिवार का दुख-दर्द लंबे समय तक ममता दीदी को सताता रहेगा। बंगाल हिंसा मुक्त भविष्य के लिए लड़ेगा, बंगाल अपनी मां-बहनों के लिए सुरक्षित राज्य बनाने के लिए लड़ेगा.

ममता ने अपने दावे को दुहराया कि 14 मार्च, 2007 को नंदीग्राम में पुलिस कार्रवाई अनुभवी नेता शिशिर अधिकारी और उनके पुत्र शुभेंदु अधिकारी की जानकारी के बगैर नहीं हुई होगी। कार्रवाई में 14 लोग मारे गए थे। गौरतलब है कि अधिकारी परिवार ने हाल ही के महीनों में तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा है. नंदीग्राम सीट पर दूसरे चरण में एक अप्रैल को मतदान होना है। इस सीट पर शुभेंदु और ममता आमने-सामने हैं.

शुभेंदु पर हमला तेज करते हुए चुनावी रैली में मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उन्होंने (शुभेंदु) 14 मार्च, 2007 को नंदीग्राम में पुलिस बुलायी थी. पुलिस गोलीबारी में कम से कम 14 प्रदर्शनकारी मारे गये थे. उन्होंने दावा किया कि उस दिन पुलिस ने नहीं, बल्कि पुलिस की वर्दी पहने माकपा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायी थीं. उन्होंने कहा, ‘‘पिता-पुत्र की जानकारी के बगैर उस दिन नंदीग्राम में पुलिस प्रवेश नहीं कर सकती थी.

अधिकारी परिवार पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, ‘‘मेरी गलती है कि मैंने उन्हें इतना प्रेम दिया.’ उन्होंने कहा उन्हें समझ नहीं आ रहा है वे लोग ‘संपोले’ कैसे निकल गए.

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