लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि वह कोविड-19 महामारी की पिछली लहर की तरह इस बार गृह-पृथकवास वाले संक्रमित लोगों को दवा और भोजन क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है. अदालत ने सरकार से यह भी पूछा है कि वह पैरामेडिकल स्टाफ को ड्यूटी की अवधि के बाद ठहरने के लिए स्थान क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है? इसके बावजूद कि उनके संक्रमित होने का खतरा और उनसे उनके परिजनों के संक्रमित होने का डर सबसे ज्यादा है.
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की पीठ ने स्थानीय वकील एच. पी. गुप्ता द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की. अदालत ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए कोविड के टीके कम पड़ जाने पर शासकीय अधिवक्ता को इस सिलसिले में निर्देश प्राप्त करने को भी कहा. यह भी पढ़े: COVID-19: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 18,125 नए केस, 26,712 लोग हुए डिस्चार्ज
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता एच पी श्रीवास्तव को इस मुद्दे पर विस्तृत निर्देश प्राप्त करने के आदेश दिए.