न्यायमूर्ति के विनोद और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने मंजेरी के निवासी मधु को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं. अदालत ने आरोपी की अपील पर यह टिप्पणी की जिसे नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार करने को दोषी ठहराया गया था. अदालत ने अपने फैसले में कहा,‘‘ जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी एवं बच्चों का परित्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल परित्यक्त महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं.
इस मामले में हमने एक ऐसे पुजारी को देखा जिसने बस बडी लडकी को , वो भी उसके भाई-बहनों की मौजूदगी, बार बार छेड़ने के लिए परित्यक्त महिला एवं उसके तीन बच्चों को अपने पास रखा. हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा?’’ उच्च न्यायालय पोक्सो अदालत के आदेश के विरूद्ध सुनवाई कर रहा है. अदालत ने कहा, ‘‘ लेकिन बलात्कार का अपराध साबित हो जाने के बाद आरोपी धारा 376 (1) के तहत दोषी करार देने के लायक है. आरोपी का पीड़िता के साथ विशेष संबंध तथा अभिभावक के दर्जे पर गौर करते हुए हमारा मत है कि अपीलकर्ता को अधिकतम सजा सुनायी जाए.’’ यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: कबाड़ बीनने के बहाने घरों में करता था चोरी, पुलिस ने धर दबोचा
अभियोजन के अनुसार गंभीर मानसिक रूग्णता संकेत वाली मा और उसके तीन बच्चों को एकमार्च, 2013 को भटकते हुए पुलिस ने पाया. पूछताछ के दौरान सबसे बड़ी लड़की ने पुलिस के सामने खुलासा कि उसकी मां जिस व्यक्ति के साथ रह रही थी वह एक साल से उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था. अदालत ने कहा कि आरोपी मंदिर का पुजारी नशे में घर आता था, मां एवं बच्चों के साथ मारपीट करता था और बड़ी लड़की पर उसके भाई-बहनों के सामने यौन हमला करता था . अदालत ने कहा कि मेडिकल जांच में यौन हमले की पुष्टि हुई है और लड़की का भाई इस अपराध का गवाह भी है.