देश की खबरें | जब आजादी के सपने बेचे जा रहे थे तब नेशनल कांफ्रेंस ने तिरंगे के लिए कुर्बानी दी थी : उमर

श्रीनगर, 26 नवंबर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा को राष्ट्रध्वज को ऊंचा रखा है और जब दूसरे लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों को “आजादी के सपने बेच रहे थे” और युवाओं के हाथों में हथियार दे रहे थे, तब पार्टी ने इसके लिए बलिदान किया था।

उमर ने कुपवाड़ा में पत्रकारों से कहा, “तिरंगा फहराने पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। क्यों होनी चाहिए। मैं स्वयं छह वर्षों तक स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराता रहा हूं। तिरंगे से हमने कब नाता नहीं रखा। हमने 1947 से इस ध्वज के लिए बलिदान दिया है।''

उन्होंने कहा, “जो लोग अब राजनीति कर रहे हैं उन्होंने बंदूक का भी फायदा उठाया है। जब नेशनल कांफ्रेंस में हमारे साथी मारे जा रहे थे तो वे आनंद ले रहे थे। वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आजादी के सपने बेच रहे थे, वे युवाओं के हाथों में हथियार थमा रहे थे, उन बंदूकों ने नेशनल कांफ्रेंस के कई कार्यकर्ताओं की जान ले ली। हमने उस समय भी हाथों में यह झंडा थामे रखा।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने उत्तरी कश्मीर जिले के लंगेट इलाके में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को भी संबोधित किया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि उनके पिता फारूक अब्दुल्ला 1996 में भारतीय ध्वज थामकर जम्मू-कश्मीर में "अकेले गए और लोकतंत्र बहाल किया"।

उमर ने कहा, “वह 15 अगस्त 2002 को (मुख्यमंत्री के रूप में) एक पुलिस मोटरसाइकिल पर बैठे, तिरंगा पकड़कर बख्शी स्टेडियम के चारों ओर घूमे, आप वह वीडियो देख सकते हैं। हम वो लोगों ने इस झंडे का राजनीतिकरण नहीं किया।

उन्होंने कहा, "मैंने केवल इतना कहा है कि आप सिर्फ झंडे दिखाकर लोगों का दिल नहीं जीत सकते। लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए, उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।"

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