चंडीगढ़, 19 अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ‘ब्लैकमेलिंग’ की इजाजत नहीं देगी और अगर जरूरत पड़ी तो वह राज्य के बाहर से चावल की कुटाई (मिलिंग) करवाने में संकोच नहीं करेंगे।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब राज्य के चावल मिल मालिकों ने मांगें पूरी होने तक धान की कुटाई (धान से भूसी अलग कर चावल तैयार करने की प्रक्रिया)करने से इनकार कर दिया है।
इस बीच, प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मान को चेताया कि अगर राज्य सरकार चार दिनों के भीतर धान की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने में विफल रहती है तो वे ‘बड़ा फैसला’ लेंगे।
आप सरकार किसानों के साथ-साथ विपक्षी दलों की आलोचनाओं का भी सामना कर रही है। उनका आरोप है कि धान की खरीद और उठाव की प्रक्रिया धीमी है।
राज्य में कुल 16.37 लाख टन धान की खरीद में से केवल 2.62 लाख टन धान का उठाव हो पाया है, जिससे मंडियों में बड़े पैमाने पर धान जमा हो गया है।
मुख्यमंत्री मान ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की, जो फसल की कथित धीमी खरीद के खिलाफ विरोध कर रहा है।
बैठक के बाद मान ने कहा कि राज्य सरकार खाद्य उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए धान की कुटाई करवाने के लिए ‘‘प्लान-बी’’ के साथ तैयार है।
मान ने कहा, ‘‘किसी भी अंशधारक को ब्लैकमेल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो राज्य सरकार राज्य के बाहर से धान की कुटाई करवाने में संकोच नहीं करेगी।’’
राज्य के चावल मिल मालिकों ने धान की नयी फसल के भंडारण के लिए जगह की कमी की शिकायत की है। वे चाहते हैं कि केंद्र पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने के लिए मौजूदा गेहूं और धान के भंडार का निस्तारण करें।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि मान ने उन्हें दो दिनों के भीतर नियमित खरीद और धान का उठाव शुरू करने का आश्वासन दिया है।
राजेवाल ने कहा, ‘‘हमने उन्हें चार दिन का समय देने का फैसला किया है। लेकिन अगर चार दिनों के बाद भी स्थिति जस की तस रही तो हम बड़े कदम की घोषणा करेंगे।’’
किसान नेता ने कहा कि वे फिलहाल अपना जारी विरोध प्रदर्शन समाप्त कर रहे हैं।
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