Akhilesh Yadav on BJP: भाजपा को रोकने की लड़ाई में हम कामयाब हुए- अखिलेश यादव
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कन्नौज (उप्र), 5 जून : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में समाजवादियों का लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोकने का था और वे इसमें कामयाब रहे हैं. यादव ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में सपा द्वारा उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 37 सीट जीते जाने पर कहा, ''समाजवादियों का लक्ष्य था कि भाजपा को रोकें. समाजवादी लोग उस लड़ाई में कामयाब हुए हैं.'' उन्होंने कहा, ''मैं सबसे पहले कन्नौज की जनता का धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने सकारात्मक राजनीति का समर्थन किया. मैं कन्नौज की जनता का बहुत आभार प्रकट करता हूं, उनको सलाम करता हूं कि उन्होंने समाजवादियों को पुनः एक मौका दिया.'' यादव ने कहा कि उनके पिता और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बताये रास्ते पर चलने का ही परिणाम है कि समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी.

उन्होंने जनता का धन्यवाद करते हुए कहा कि उसने नई उम्मीद और नयी आस के साथ वोट दिया है ताकि इस देश का लोकतंत्र बचे, संविधान बचे, आरक्षण बचे और नकारात्मक राजनीति वाले हटें. यादव ने केन्द्र में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) की सरकार के गठन के लिये गठबंधन से इतर किसी दल से मुलाकात की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर कहा, ''मेरा किसी से मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं है. अगर मिलने का कार्यक्रम होगा तो बताएंगे.'' लोकसभा चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजों में सपा ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 37 सीट पर जीत दर्ज की. इसके अलावा 'इंडिया' गठबंधन में उसकी सहयोगी कांग्रेस ने भी छह सीट जीतीं. दिल्ली में बुधवार शाम को होने वाली 'इंडिया' गठबंधन की बैठक का जिक्र होने पर उन्होंने कहा, ''इंडिया गठबंधन की बैठक है. उसमें मैं जा रहा हूं.'' यह भी पढ़ें : लालवानी के रिकॉर्ड में कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी के ‘‘बहुत साहसिक निर्णय’’ का भी योगदान : विजयवर्गीय

इससे पहले, यादव ने कन्नौज पहुंचकर जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी सुभ्रान्त कुमार शुक्ला से प्रमाणपत्र हासिल किया.

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को घोषित चुनाव परिणामों में कन्नौज सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के सुब्रत पाठक को एक लाख 70 हजार 922 मतों से पराजित किया था. यादव 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में पहली बार चुने गये थे. उसके बाद वह 2004 और 2009 में हुए आम चुनावों में भी इसी सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. 2012 में उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद हुए उपचुनाव में यादव की पत्नी डिम्पल यादव इस सीट से निर्विरोध निर्वाचित हुई थीं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में डिम्पल एक बार फिर कन्नौज से सांसद चुनी गयी थीं. हालांकि 2019 में वह भाजपा के सुब्रत पाठक से हार गयी थीं. इस बार चुनाव में अखिलेश यादव ने जीत दर्ज कर यह सीट एक बार फिर सपा की झोली में डाल ली है.