श्रीनगर, 29 जुलाई नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दल हिंसा-प्रभावित मणिपुर में शांति चाहते हैं और उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही राज्य की स्थिति पर संसद में अपना बयान देंगे।
मणिपुर की जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को इंफाल पहुंचा। वे तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में शुरू हुई जातीय झड़पों के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेंगे।
अब्दुल्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर गया है। जब वे लौटेंगे तो हम उनसे वहां की स्थिति के बारे में जानेंगे।’’
श्रीनगर से लोकसभा सांसद ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि मणिपुर में शांति स्थापित हो, ताकि वहां रहने वाले लोग शांति से रह सकें और जो सांप्रदायिक लड़ाई शुरू हुई है वह बंद हो। हमें मिल-जुलकर रहने की कोशिश करनी चाहिए। समाधान तभी निकलेगा जब वहां के सभी समुदाय गरिमा के साथ रहेंगे।’’
मणिपुर में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न के हालिया वीडियो का जिक्र करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘भगवान जानता है कि वहां और कितने लोग मारे जा रहे हैं। हमें भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि वह हमें इस कठिन समय से छुटकारा दिलाएं। हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री जल्द ही संसद में बोलेंगे, ताकि संसद सुचारू रूप से चल सके।’’
जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा 35 वर्षों में पहली बार शहर में मुहर्रम जुलूस की अनुमति देने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा कि पहले इसकी अनुमति न देने का कोई कारण नहीं था, लेकिन ‘‘हमारे अपने ही कुछ लोग इसके खिलाफ थे।’’
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हम पहले भी चाहते थे कि ऐसा हो। जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मैं चाहता था कि ऐसा हो, लेकिन हमारे अपने ही कुछ लोग इसके खिलाफ थे। मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता, उनका निधन हो चुका है। अन्यथा क्या कारण था कि इसकी अनुमति नहीं दी गई?’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)