नयी दिल्ली, 10 दिसंबर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा मंगलवार को नोटिस सौंपने के कदम की निंदा करते हुए इसे ‘‘बेहद खेदजनक’’ करार दिया।
रीजीजू ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सदन द्वारा नोटिस को खारिज कर दिया जाएगा क्योंकि राज्यसभा के अधिकांश सदस्यों को सभापति धनखड़ पर पूरा भरोसा है जो ‘‘एक ज्ञानी और सज्जन’’ व्यक्ति हैं।
पहली बार, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के दलों ने मंगलवार को राज्यसभा में धनखड़ को हटाने के लिए प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस पेश किया। विपक्षी दलों ने उन पर उच्च सदन के सभापति के तौर पर ‘‘पक्षपातपूर्ण’’ आचरण करने का आरोप लगाया है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम इस नोटिस को पेश करने का विरोध करते हैं। यह कभी सफल नहीं हो सकता।’’
रीजीजू ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ सहयोगी दलों के सदस्यों द्वारा दिया गया यह नोटिस अवश्य ही अस्वीकार किया जाना चाहिए और अस्वीकार किया जाएगा। इस प्रकार की कार्रवाई सदन द्वारा स्वीकार नहीं की जाएगी।’’
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने गलत कार्यों को छिपाने एवं अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के साथ अपने ‘संबंधों’ और उनसे जुड़े संगठनों की भारत विरोधी गतिविधियों की खबरों से ध्यान भटकाने के लिए धनखड़ के खिलाफ नोटिस दिया है।
यदि प्रस्ताव पेश किया जाता है, तो इन दलों को इसे पारित कराने के लिए साधारण बहुमत की आवश्यकता होगी, लेकिन 243 सदस्यीय सदन में उनके पास अपेक्षित संख्या नहीं है।
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि, इस बात पर जोर दिया कि यह ‘‘संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने का एक संदेश’’ है।
रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बार-बार आसन का अपमान किया है और पीठासीन अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत के उपराष्ट्रपति पर गर्व है। वह बेहद पेशेवर और निष्पक्ष रहे हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह एक साधारण किसान परिवार से आते हैं और जाट समुदाय से इस उच्च पद पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति हैं।
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