जम्मू, 11 अक्टूबर : डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (डीपीएपी) के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू-कश्मीर में बीते डेढ़ साल के दौरान हुई आतंकवादी घटनाओं पर बुधवार को चिंता व्यक्त करते हुए इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया. आज़ाद ने यहां कई प्रतिनिधिमंडलों के साथ एक बैठक की. उन्होंने बैठक से इतर पत्रकारों से कहा, “ पिछले पांच वर्षों के दौरान सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है. लेकिन पिछले डेढ़ साल से घटनाएं हो रही हैं, खासकर राजौरी सेक्टर में. कश्मीर के कोकेरनाग में भी घटना हुई. हम इसे लेकर चिंतित हैं."
डीपीएपी अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. आज़ाद ने कहा कि ऐसा लगता है कि आतंकवाद फिर से अपना सिर उठाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, "हम सभी, जम्मू-कश्मीर के लोगों, सरकार और राजनीतिक नेताओं को मिलकर इससे लड़ना चाहिए". उन्होंने कहा, "यह केवल सरकार की नहीं, बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी है."
केंद्र शासित प्रदेश में लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की बहाली के लिए मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी सहित मुख्य विपक्षी दलों के धरने के संबंध में आज़ाद ने कहा, "जिन नेताओं ने (प्रदर्शन का) आह्वान किया था, वे खुद भाग रहे हैं. यह उनकी गंभीरता को दिखाता है.”
वह जाहिर तौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का जिक्र दे रहे थे जो मंगलवार को धरना स्थल पर नहीं पहुंचे. आज़ाद ने गुज्जर-बकरवाल समुदाय समेत कई प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की और कहा कि सरकार को इस समुदाय के मसलों को देखना चाहिए और उनकी शिकायतों को हल करना चाहिए.
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