जयपुर, 19 जून राजस्थान के राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने जल संकट को बड़ी चुनौती बताते हुए बुधवार को कहा कि जल संरक्षण के प्रति जागरूकता हेतु शैक्षिक क्षेत्र में पहल हो।
वह यहां राजस्थान विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह और वहां निर्मित संविधान पार्क के लोकार्पण पश्चात आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समक्ष मानवीय मूल्य बचाए रखने की आज बड़ी चुनौती है। उनका कहना था कि अंधाधुंध जल-दोहन से राजस्थान ही नहीं, देशभर में जल संकट की स्थितियां बन रही हैं, ऐसे में विश्वविद्यालय इन चुनौतियों के आलोक में शैक्षिक पहल करे।
उन्होंने कहा कि वही शिक्षा सार्थक है जो विद्यार्थी को पाठ्यपुस्तकों के साथ परिवेश की समझ से जोड़े। उन्होंने कहा कि रटंत शिक्षा डिग्री प्रदान कर सकती है पर जीवन में आगे नहीं बढ़ा सकती।
आधिकारिक बयान के अनुसार, मिश्र ने सभी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति को पूरी तरह से अपने यहां लागू करने और ऐसे पाठ्यक्रम बनाने पर जोर दिया जिनसे भारत विकास की राह पर तेजी से अग्रसर हो सके।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली नई पीढ़ी संविधान के मर्म को समझे, इसी उद्देश्य से राजभवन की पहल पर विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क निर्मित करने की पहल हुई है।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय युवाओं को समय और अधुनातन आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार करें ताकि वे देश के मूल्यवान नागरिक बन सके।
उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा के लिए किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति मिश्र ने विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले 1 लाख, 66 हजार, 139 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान कीं। विभिन्न संकायों के 467 विद्यार्थियों को पी एच डी की उपाधि एवं विभिन्न परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 126 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
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