
पुणे, 10 मई पाकिस्तान में उच्चायुक्त के रूप में सेवा दे चुके गौतम बंबावाले ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष को ‘युद्ध जैसी स्थिति’ बताया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार "दृढ़ संकल्पित" है और अपने उद्देश्यों की उसे स्पष्ट समझ है।
बंबावाले शुक्रवार को पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) की ओर से आयोजित 'ऑपरेशन सिंदूर' विषय पर परिचर्चा में यह बात कही।
उन्होंने कहा, "मैं मौजूदा स्थिति को 'युद्ध जैसी स्थिति' के रूप में देख रहा हूं। मेरे युद्ध जैसी स्थिति कहने का मतलब है कि हम पूरी तरह से युद्ध में उतरने के कगार पर हैं, लेकिन अभी तक वहां नहीं पहुंचे हैं।"
चीन में भारत के राजदूत रहे बंबावले ने कहा कि युद्ध जैसी स्थिति में एक राष्ट्र के लिए तीन तत्व महत्वपूर्ण होते हैं।
बंबावले ने कहा, "पहला तत्व है - सरकार। जैसा कि हम जानते हैं, पिछले 10 से 12 वर्षों से इस सरकार का संकल्प दृढ़ रहा है। वे जानते हैं कि उनके उद्देश्य क्या हैं, वे जानते हैं कि वे क्या करना चाहते हैं और उनका लक्ष्य क्या है। दूसरा तत्व है सशस्त्र बल। हम जानते हैं कि भारतीय सशस्त्र बल सक्षम हैं और पिछले कुछ दिन में हमने यह देखा है। सशस्त्र बलों का संकल्प भी दृढ़ है। वे जानते हैं कि लक्ष्यों को कैसे प्राप्त करना है।"
उन्होंने कहा कि तीसरा तत्व 'देश की जनता' है।
बंबावले ने कहा, "किसी भी युद्ध जैसी स्थिति में, सभी चीजें एक ही दिशा में या दुश्मन के खिलाफ नहीं होतीं। इसमें बाधाएं आती हैं, और हमें भी निशाना बनाया जा सकता है, जिस तरह से पुंछ जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पाकिस्तान ने निशाना बनाया। अगर हम उस तरह की स्थिति में फंस जाते हैं, तो देश के लोगों को दृढ़ संकल्प दिखाना चाहिए। उन्हें अपना ध्यान नहीं भटकने देना चाहिए। यह आतंकवाद, आतंकवादियों, उन्हें वित्तपोषित करने वालों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ न्याय की लड़ाई है।"
चर्चा में लेफ्टिनेंट जनरल वी जी पाटनकर (सेवानिवृत्त), कर्नल विनायक भट, एयर मार्शल दीपेंदु चौधरी (सेवानिवृत्त) और कैप्टन डी के शर्मा (सेवानिवृत्त) ने भी हिस्सा लिया।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)