पश्चिमी सुमात्रा प्रांत के अगम जिले में स्थित माउंट मारापी में होने वाले विस्फोटों का पूर्वानुमान लगाना कठिन है, क्योंकि वे मैग्मा की गहरी हलचल के कारण नहीं, बल्कि भूगर्भीय झटकों के कारण होते हैं।
मारापी निगरानी चौकी पर इंडोनेशिया के ज्वालामुखी विज्ञान और भूगर्भीय खतरा शमन केंद्र के अधिकारी अहमद रिफांदी ने बताया कि इससे निकला गर्म लावा कई मील तक फैल गया। विस्फोट से 2,000 मीटर की ऊंचाई तक राख के गुबार उठे।
रिफांदी ने कहा कि लगभग 2,900 मीटर ऊंचा ज्वालामुखी जनवरी से अब तक चार अलर्ट स्तरों में से दूसरे उच्चतम स्तर पर बना हुआ है। पर्वतारोहियों और ग्रामीणों को ज्वालामुखी के मुहाने से तीन किमी के भीतर जाने पर रोक लगा दी गई है।
दिसंबर 2023 में मारापी पर्वत में अचानक विस्फोट हुआ, जिसमें 24 पर्वतारोहियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। तब से पर्वत के चढ़ाई के दो मार्ग बंद कर दिए गए हैं।
इससे पांच महीने पहले मॉनसून की बारिश के दौरान माउंट मारापी से मिट्टी और ठंडे लावा के निकलने से नदियों में बाढ़ आ गई। इस घटना में कई लोगों के घर बह गए और 67 लोगों की मौत हुई थी।
द्वीपीय देश इंडोनेशिया भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए संवेदनशील है, क्योंकि यह प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय क्षेत्र ‘‘फायर रिंग’’ पर स्थित है।
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