अडाणी समूह की कंपनियों का मूल्यांकन सबसे ज्यादा 88 प्रतिशत बढ़ा: रिपोर्ट
अदाणी ग्रुप (Photo Credits: Facebook)

मुंबई, 15 जून : शेयर बाजार में तेजी के साथ मूल्य के हिसाब से अडाणी समूह की कंपनियों को सर्वाधिक लाभ हुआ है. छह महीने यानी नवंबर से लेकर अप्रैल, 2022 के दौरान विविध कारोबार से जुड़े समूह का मूल्यांकन 88.1 प्रतिशत उछलकर 17.6 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. इसकी तुलना में दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्य 13.4 प्रतिशत बढ़कर 18.87 लाख करोड़ रुपये रहा. इसके साथ कंपनी बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया की 500 की रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर बनी हुई है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) सूची में 12.97 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ तीसरे स्थान पर रही. हालांकि,उसका मूल्य इस दौरान 0.9 प्रतिशत घटा है. इसके बाद क्रमश: एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा.

रिपोर्ट के अनुसार, गौतम अडाणी की अगुवाई वाली कंपनियों में अडाणी ग्रीन एनर्जी का मूल्यांकन सबसे तेजी से 139 प्रतिशत बढ़कर 4.50 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. इसके साथ कंपनी छठे स्थान पर आ गयी जबकि छह महीने पहले 16वें स्थान पर थी. अडाणी विल्मर इस दौरान करीब 190 प्रतिशत बढ़कर 66,427 करोड़ रुपये, अडाणी पावर 157.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 66,185 करोड़ रुपये पहुंच गयी. समूह की कुल नौ कंपनियों का मूल्यांकन छह महीने के दौरान (नवंबर 2021 से अप्रैल 2022) 88.1 प्रतिशत बढ़कर 17.6 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. इनकी 500 शीर्ष कंपनियों में हिस्सेदारी 7.6 प्रतिशत है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘आलोच्य अवधि में अडाणी समूह की कंपनियों ने अपना मूल्य 88.1 प्रतिशत बढ़ाया है. जबकि 500 कंपनियों का मूल्य केवल दो प्रतिशत बढ़ा है.’’ यह भी पढ़ें : मप्र : कमलनाथ का कटाक्ष,‘‘जहां नदी नहीं हो, वहां भी पुल बनाने की घोषणा कर देंगे चौहान’’

हुरुन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शीर्ष 500 कंपनियों का मूल्य मामूली दो प्रतिशत बढ़कर 232 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 30 अक्टूबर, 2021 को 221 लाख करोड़ रुपये था. मामूली वृद्धि के बावजूद सूची में शामिल कंपनियों का प्रदर्शन बीएसई सेंसेक्स की 30 कंपनियों (चार प्रतिशत की गिरावट) और नास्डैक में शामिल कंपनियों (17 प्रतिशत की गिरावट) से बेहतर है. हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, ‘‘ भारतीय कंपनियों ने उतार-चढ़ाव का बखूबी सामना किया और दुनिया की अपनी समकक्ष कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाता है.’’

जिन कंपनियों के मूल्यांकन में गिरावट और रैंकिंग में कमी देखी गयी, उसमें बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि आयुर्वेद शामिल है. कंपनी का मूल्य 17.9 प्रतिशत घटकर 23,000 करोड़ रुपये रहा. साथ ही यह रैंकिंग में फिसलकर 184वें स्थान पर आ गयी जबकि पहले 34वें पायदान पर थी. रिपोर्ट के अनुसार, मूल्य के हिसाब से 313.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ सर्वाधिक लाभ में वेदांत फैशन रही. इसके बाद अडाणी विल्मर (190 प्रतिशत) और बिलडेस्क (172.9 प्रतिशत) का स्थान रहा.