देश की खबरें | वाल्मीकि निगम घोटालेबाजों ने अधिकारियों को मोहपाश में फंसाकर पैसे की हेराफेरी की: भाजपा नेता

बेंगलुरु, 11 जुलाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी श्रीरामुलु ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम के घोटालेबाजों ने धन की हेराफेरी करने के लिए सरकारी और बैंक अधिकारियों को मोहपाश में फंसाया है।

पूर्व मंत्री ने दावा किया कि आदिवासियों के कल्याण के पैसे से महंगी लग्जरी गाड़ियां खरीदी गई हैं। उन्होंने दावा किया कि धन का शोधन करके इसका इस्तेमाल लोकसभा समेत अन्य चुनावों में किया गया।

श्रीरामुलु ने प्रेस वार्ता में दावा किया, “घोटालेबाजों ने वाल्मीकि निगम के पैसों से एक लेम्बोर्गिनी कार खरीदी, हवाला के जरिए पैसे को इधर-उधर कर चुनावों में खर्च किया ।”

पूर्व मंत्री नरसिम्हा नायक (राजू गौड़ा) ने आरोप लगाया कि घोटाले में राज्य सरकार ने संदिग्ध भूमिका निभाई।

नायक ने बताया, “ हम सब जानते हैं कि वित्त सचिव की मंजूरी के बिना तीन करोड़ रुपये से ज्यादा धन स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है, लेकिन एक ही दिन में 50 करोड़ रुपये स्थानांतरित कर दिए गए। आश्चर्य की बात है कि सरकार में किसी को भी इसकी जानकारी नहीं थी।”

भाजपा नेता के अनुसार, यह पैसा 16 व्यापारियों के खातों में स्थानांतरित किया गया। स्थानांतरित की गई रकम 4.12 करोड़ से 5.98 करोड़ रुपये के बीच थी।

दोनों भाजपा नेताओं ने कांग्रेस विधायक बी. नागेन्द्र की गिरफ्तारी की मांग की। नागेंद्र ने घोटाला सामने आने के बाद जनजाति कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

कथित घोटाला तब सामने आया जब अनुसूचित जनजाति विकास निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली और एक सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें आरोप लगाया गया कि निगम से 187 करोड़ रुपये की राशि अवैध रूप से स्थानांतरित की गई।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इसमें कुछ आईटी कंपनियों और हैदराबाद स्थित सहकारी बैंक के विभिन्न खातों में अवैध रूप से 88.62 करोड़ रुपये जमा करना भी शामिल है।

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