पटना, 28 अगस्त बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को कहा कि हाल में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार शामिल हुए।
बिहार में 10 लाख नौकरियों का वादा करने वाले राजद नेता तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि यह स्थिति पड़ोसी राज्य में भाजपा सरकार के ‘‘हिंदू-मुस्लिम और बुलडोजर में व्यस्त’’ रहने का परिणाम है।
बिहार में शिक्षक के एक लाख से अधिक पदों के लिए पिछले सप्ताह आयोजित परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हमें उत्तर प्रदेश से इतने सारे उम्मीदवारों को आते देखकर खुशी हुई। उनकी राज्य सरकार हिंदू-मुस्लिम और बुलडोजर में व्यस्त है। उनमें से कई दूसरे राज्यों से हैं, जिन्होंने अपनी किस्मत आजमाई थी।’’
यादव की टिप्पणी में भाजपा की कथित सांप्रदायिक राजनीति के अलावा योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा गलत काम के आरोपियों की संपत्तियों को व्यापक रूप से ध्वस्त करने पर भी निशाना साधा गया।
बिहार के उपमुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के उस विवादास्पद बयान को ‘‘बकवास’’ बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी 1947 में नहीं बल्कि तीन दशक बाद मिली थी जब जनता पार्टी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को अपदस्थ कर दिया था।
पिता लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भाजपा विरोधी ‘‘इंडिया’’ गठबंधन की पिछली दो बैठकों में भाग लेने वाले तेजस्वी यादव ने कहा कि वह मुंबई में होने वाली अगली बैठक का इंतजार कर रहे हैं । वैसे उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार को इस गठबंधन का संयोजक बनाने जाने की चर्चा से जुडे सवाल को उन्होंने टाल दिया।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष बिहार में जाति सर्वेक्षण पर भारत के सॉलिसिटर जनरल की प्रस्तुति से भाजपा ‘‘बेनकाब’’ हो गई है। उन्होंने जनगणना पूरी होने के बाद ‘‘24 घंटे के भीतर’’ उसके के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने की सम्राट चौधरी की मांग को ‘‘अवैज्ञानिक’’ बताया।
खेल प्रेमी और पूर्व क्रिकेटर तेजस्वी यादव ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने पर भी खुशी व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘नीरज चोपड़ा को उनकी एक और उपलब्धि के लिए बधाई। उन्होंने पहली बार ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर देश को गौरवान्वित किया। कुछ साल पहले तक कौन सोच सकता था कि भारत जेवलिन थ्रो में गौरव हासिल करेगा। यह निश्चित रूप से देश में एथलेटिक्स को बढ़ावा देगा ।’’
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