विधेयक 57 के मुकाबले 368 मतों के अंतर से पारित हुआ, जो अप्रैल में बाइडन की ओर से अनुरोध की गई राशि से सात अरब डॉलर अधिक है। विधेयक में यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता देने, क्षेत्रीय सहयोगियों की मदद करने, अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन द्वारा भेजे गए हथियारों की भरपाई करने या बदलने का भी प्रावधान है। विधेयक में युद्ध के कारण यूक्रेन के कई फसलों के बर्बाद होने के कारण वैश्विक खाद्य कमी को दूर करने के लिए पांच अरब डॉलर की मदद प्रदान करने का प्रावधान है।
वहीं, यूक्रेन में अमेरिका के राजदूत के लिए बाइडन प्रशासन की उम्मीदवार ब्रिजेट ब्रिंक ने मंगलवार को सांसदों से वादा किया कि वह यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को ‘‘रणनीतिक रूप से विफल’’ करने के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि वह कूटनीति के बजाय यूक्रेन की सेना के लिए पश्चिमी देशों से भेजी जा रही हथियार की खेप के समन्वय पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगी।
ब्रिंक ने अपने 25 साल के राजनयिक करियर का अधिकांश समय पूर्व सोवियत गणराज्यों में बिताया है। उन्होंने सीनेट की विदेश संबंधी समिति के सदस्यों से बात की। ब्रिंक के नाम पर सीनेट की पुष्टि होने की उम्मीद है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वर्ष 2019 में राजदूत मेरी योवानोविच को अचानक बाहर करने के बाद से यह पद खाली है। वह बाद में ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग कार्यवाही में पहली प्रमुख व्यक्ति बनीं।
इस बीच राष्ट्रपति जो बाइडन और इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने मंगलवार को ओवल कार्यालय में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खिलाफ मित्र देशों की एकता दिखाने के इरादे से मुलाकात की।
द्राघी ने कहा कि नेताओं को ‘‘संघर्षविराम लाने और फिर से कुछ विश्वसनीय वार्ता शुरू करने की संभावना’’ की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘‘इटली और यूरोप में अब लोग इन नरसंहारों और हिंसा तथा कत्लेआम को समाप्त करना चाहते हैं।’’ बाइडन ने हालांकि द्राघी की टिप्पणियों को नहीं दोहराया।
हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों को अब इस बिंदु पर वार्ता शुरू होने का संदेह है। नेशनल इंटेलिजेंस की निदेशक एवरिल हेन्स ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘लंबे समय तक संघर्ष’’ के लिए तैयार हैं।
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