अमेरिकी सेना ने कहा कि रॉकेट हमलों में उसकी तरफ कोई हताहत नहीं हुआ है।
अमेरिका अब अंतिम अमेरिकी व्यक्ति को बाहर निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था, ‘‘ इस आसाधारण अभियान में ये आखिरी के कुछ दिन बेहद खतरनाक होने वाले हैं।’’
रॉकेट हमलों के बाद भी काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर विमानों का उतरना और वहां से विमानों के रवाना होने का काम सोमवार को भी जारी रहा।
अमेरिकी मध्य कमान के प्रवक्ता बिल अरबन ने कहा कि हवाईअड्डे को निशाना बनाकर पांच रॉकेट दागे गए, लेकिन अमेरिका की हवाई रक्षा प्रणाली ने उन्हें विफल कर दिया।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी पक्ष की तरफ कोई हताहत नहीं हुआ है और हवाईअड्डे पर परिचालन जारी है। इससे आगे का ब्योरा तत्काल उपलब्ध नहीं हो सका। व्हाइट हाउस ने कहा कि रॉकेट हमले के बारे में बाइडन को अवगत कराया गया है।
बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को कहा था, ‘‘ हमें पता चला है कि करीब 300 अमेरिकी वहां बाकी हैं, वे हवाईअड्डे पहुंचें और जल्द उड़ानें पकड़ें।’’
व्हाइट हाउस ने सोमवार सुबह कहा कि पिछले 24 घंटे में 26 सैन्य विमानों और दो अन्य उड़ानों से लगभग 1,200 लोगों को काबुल से निकाला गया।
सुलिवन ने कहा कि अमेरिकी बलों की पूरी तरह वापसी के बाद अमेरिका की वहां दूतावास कायम रखने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका मंगलवार के बाद भी ‘‘ हर एक अमेरिकी नागरिक, हर एक वैध स्थायी निवासी के साथ-साथ उन अफगान लोगों को भी सुरक्षित निकालना सुनिश्चित करेगा, जिन्होंने हमारी मदद की।’’
वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका मंगलवार के बाद भी हवाईअड्डे को खुला रखने के लिए क्षेत्र में अन्य देशों के साथ काम कर रहा है।
गौरतलब है कि बाइडन ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की अंतिम तारीख 31 अगस्त तय की है।
एपी
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