सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन और ‘मिफेप्रिस्टोन’ के दवा निर्माता न्यूयॉर्क स्थित डांको लैबोरेटरीज के आपात अनुरोधों को मंजूर कर लिया. उन्होंने निचली अदालत के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसमें ‘मिफेप्रिस्टोन’ को खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा दी गयी स्वीकृति को रद्द कर दिया गया था. यह भी पढ़ें: Apartheid in UK: ब्रिटेन में डार्क स्किन वाले दक्षिण एशियाई रिश्तेदारों द्वारा होते हैं अपमान का शिकार
अमेरिका में 2000 से इस दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है और 50 लाख से अधिक महिलाओं ने इसका इस्तेमाल किया है. ‘मिफेप्रिस्टोन’ को मिसोप्रोस्टोल नामक एक अन्य दवा के साथ लिया जाता है और अमेरिका में आधे से अधिक गर्भपात इसी दवा के जरिए होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के आदेश से ‘मिफेप्रिस्टोन’ के इस्तेमाल पर कम से कम अगले साल तक कोई रोक नहीं रहेगी जब तक कि इसके खिलाफ अपीलों पर फैसला नहीं आता है. इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है.
राष्ट्रपति जो बाइडन ने ‘मिफेप्रिस्टोन’ की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए अदालत की तारीफ की।
इस ताजा फैसले से 10 सप्ताह की गर्भवती महिलाएं सर्जिकल गर्भपात के बजाय ‘मिफेप्रिस्टोन’ और ‘मिसोप्रोस्टोल’ का इस्तेमाल कर गर्भपात करा सकती है.
एपी
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)