क्राफ्ट ने कहा कि ताइपे आर्थिक एवं सांस्कृतिक कार्यालय के निदेशक जेम्स के. जे. ली के साथ उन्होंने बुधवार को न्यूयॉर्क के मैनहट्टन के ईस्ट साइड पर एक आउटडोर रेस्तरां में दोपहर का भोजन किया।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत और ताइवान के शीर्ष अधिकारी के बीच यह पहली मुलाकात थी।
क्राफ्ट ने ‘एपी’ से कहा, ‘‘ मैं अपने राष्ट्रपति के साथ मिलकर सही काम करना चाह रही हूं और मुझे लगता है कि ताइवान के साथ उन्होंने (ट्रम्प ने) इस द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत एवं गहरा करने की कोशिश की है और मैं प्रशासन की ओर से इसे जारी रखना चाहती हूं।’’
क्राफ्ट ने कहा कि ताइवान के 2.4 करोड़ लोगों को ‘‘यह सुनने की जरूरत है कि बीजिंग उन्हें हाशिए पर धकेल रहा है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ यह काफी शर्मनाक बात है क्योंकि उन्हें भी बाकियों की तरह संयुक्त राष्ट्र के मामलों में हिस्सा लेने का अधिकार होना चाहिए।’’
क्राफ्ट ने कहा, ‘‘ अगर अमेरिका चीन के खिलाफ खड़ा नहीं होगा तो कौन होगा, केवल ताइवान के लिए नहीं बल्कि हांगकांग और अन्य के लिए भी?’’
क्राफ्ट ने कहा कि उन्होंने और ली ने ‘‘ ताइवान को संयुक्त राष्ट्र में और सक्रिय बनाने में मदद करने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा की।’’
यह बैठक अमेरिका में तीन नवम्बर होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से कुछ सप्ताह पहले हो रही है। वहीं इससे पहले अगस्त में अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री एलेक्स अजर ताइवान गए थे। 1979 में अमेरिका और ताइवान की सरकार के बीच आधिकारिक संबंध समाप्त होने के बाद किसी उच्च स्तरीय अमेरिकी अधिकारी की वह पहली ताइवान यात्रा थी।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कीथ क्रैच भी तीन दिन की यात्रा पर बृहस्पतिवार यानी आज यहां ताइवान पहुंच रहे हैं।
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