दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने रविवार को बताया कि उसने राष्ट्रीय राजधानी में एक नई योजना के तहत उन साढ़े चार लाख से अधिक लोगों को खाद्यान्न मुहैया कराया है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. पांच जून से शुरू हुई इस योजना के तहत वे लोग अपना आधार कार्ड दिखाकर पांच किलोग्राम खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है.
दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘यह योजना उन लोगों के लिए है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं. इन लोगों में असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, प्रवासी श्रमिक, निर्माण कार्य में लगे श्रमिक और घरेलू सहायक शामिल हैं। इस योजना के माध्यम से अब तक 4.5 लाख से अधिक लोगों को सहायता दी गई है. इस योजना के तहत लाभार्थियों को चार किलोग्राम गेहूं और एक किलोग्राम चावल दिया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि लोगों को 5,000 टन राशन प्रदान किया गया है और अन्य 5,000 टन राशन वितरण केंद्रों तक पहुंच जाएगा. यह भी पढ़े: अरविंद केजरीवाल के ऐलान के बाद दिल्ली में ऑटो- टैक्सी व ई-रिक्शा चालकों को 5-5 हजार रुपया मिलना शुरू, अब तक 23,000 लोगों के खाते में ट्रांसफर हुआ पैसा
दिल्ली के कुल 280 सरकारी स्कूलों को खाद्यान्न वितरण के लिए चुना गया है। हर नगरपालिका वार्ड में एक स्कूल को इसके लिए चिह्नित किया गया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने कहा, ‘‘हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में पूरी प्रक्रिया को सुचारू और परेशानी मुक्त बनाने के लिए चीजों को और सुव्यवस्थित किया जाएगा। आपकी सरकार का मानना है कि राशन लोगों का अधिकार है.
राजपत्रित अवकाश एवं रविवार को छोड़कर सभी कार्य दिवसों में पूर्वाह्न 10 बजे से शाम चार बजे तक निर्धारित केन्द्रों से राशन प्राप्त किया जा सकता है.
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