महासभा में पारित एक प्रस्ताव में संबंधित सभी बिंदुओं को शामिल किया गया. प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की जरूरतों के लिए ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संवेदनशील बनाने’’ और ‘‘प्रभावी, तत्काल एवं पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय समर्थन तथा सहायता जुटाने’’ के प्रयासों को तेज करने का भी आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में बाढ़ के कारण लगभग 3.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं.
जून के मध्य में आई बाढ़ के चलते 1,700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. लगभग 80 लाख लोग विस्थापित हुए और सैकड़ों अभी भी शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि बाढ़ के चलते पाकिस्तान में 20 लाख से अधिक घर क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए और किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं. उन्होंने कहा कि आपदा डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी में धकेल सकती है. यह भी पढ़ें : विदेश की खबरें | चार लोग चाहते हैं कि मेरी हत्या कर दी जाए : इमरान खान
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने बाढ़ के बाद पाकिस्तान में जलजनित और अन्य बीमारियों के दूसरे संकट की संभावना के बारे में चेतावनी दी है. गुतारेस ने महासभा में कहा, ‘‘स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. पाकिस्तान एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा के कगार पर है.’’ संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगभग 81.6 करोड़ रुपये की अपील की है, हालांकि गुतारेस ने कहा कि यह राशि ‘‘हर मोर्चे पर ज़रूरत की तुलना में कम है.’’