कोलकाता, तीन जुलाई तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में अपना धरना फिर से शुरू कर दिया। उनकी मांग है कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के निमंत्रण के अनुसार उन्हें राजभवन के बजाय सदन में शपथ दिलाई जाए।
बड़नगर विधायक सायंतिका बंद्योपाध्याय और भगवानगोला विधायक रेयात हुसैन सरकार ने राजभवन में शपथ ग्रहण करने से मना कर दिया है। लोकसभा चुनाव के साथ हुए राज्य विधानसभा उपचुनाव में वे दोनों निर्वाचित हुए हैं लेकिन उनके शपथ ग्रहण की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और जनप्रतिनिधि के रूप में उन्होंने अभी तक काम शुरू नहीं किया है।
उनका धरना बुधवार को विधानसभा परिसर में पांचवें दिन भी चला। उन्होंने 27 व 28 जून तथा एक और दो जुलाई को भी धरना दिया था।
बुधवार को बंद्योपाध्याय और सरकार विधानसभा परिसर में बी.आर. आंबेडकर की प्रतिमा के सामने चार घंटे तक बैठे रहे। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, “हम राज्यपाल का इंतजार कर रहे हैं”।
दोनों नवनिर्वाचित विधायकों ने राजभवन में शपथ ग्रहण करने के राज्यपाल का आमंत्रण स्वीकार करने से इनकार करते हुए दावा किया है कि परंपरा के अनुसार उपचुनाव में जीतने वालों के मामले में, राज्यपाल सदन के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को शपथ दिलाने का दायित्व सौंपते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) बिमान बनर्जी ने सोमवार को कहा था, ‘‘हम राज्यपाल से विधानसभा आने और खुद से दोनों विधायकों को शपथ दिलाने का आग्रह करते हैं। इसे अहम की लड़ाई के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।’’
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