गिरफ्तार लोगों की पहचान दिलकुशा मंत्री आवास निवासी आशीष पांडेय और लखनऊ के बाजार खाला निवासी हिमांशु सैनी के रूप में हुई है। कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने मंगलवार को कहा कि रविवार को गिरफ्तार लोगों को संबंधित अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
अरुण ने कहा कि पुलिस जांच में पुष्टि हुई कि कानपुर निवासी शिकायतकर्ता अतुल कुशवाहा और आशीष पांडे सोशल मीडिया प्रमोटर और प्रतिस्पर्धी थे और बाद में आशीष ने कुशवाहा के व्यवसाय और उनकी छवि को कथित रूप से बर्बाद करने की साजिश रची थी।
उन्होंने बताया कि आशीष और हिमांशु ने सोशल मीडिया पर पटना के 15 वर्षीय लड़के से दोस्ती की और उन्होंने उससे फोन पर बात की और बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया और बाद में उन्होंने दो अलग-अलग कॉल पर की गई बातचीत को मिलाकर ऑडियो क्लिप को बदल दिया और इसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया जो वायरल हो गया और इसे पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह और रोहिणी सिंह व अन्य ने भी साझा किया था।
अरुण ने लैपटॉप से मूल रिकॉर्डिंग, संपादित रिकॉर्डिंग और संपादन सॉफ्टवेयर बरामद करने का दावा किया, जिसे जब्त कर लिया गया है।
अरुण ने कहा, "हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह ऑडियो ट्वीट करने वालों तक कैसे पहुंचा।" अतुल कुशवाहा ने एक हफ्ते पहले पनकी पुलिस में पूर्व आईएएस अधिकारी, हिमांशु सैनी तथा आशीष पांडे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
कुशवाहा ने अपनी प्राथमिकी में कहा, "संरचित ऑडियो रिकॉर्डिंग" में दो लोगों को यह बात करते हुए सुना जा सकता है कि कैसे कुछ लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पक्ष में ट्वीट करने के लिए पैसे दिए जाते हैं।
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