देश की खबरें | त्रिपुरा: कांग्रेस विधायक ने भूमि आवंटन में अनियमितता का आरोप लगाया, मंत्री ने किया इनकार

अगरतला, छह अक्टूबर त्रिपुरा में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने रविवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री माणिक साहा मंत्रिपरिषद की अनदेखी कर एक सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा संस्थान स्थापित करने के लिए एक निजी अस्पताल को 28 एकड़ जमीन सौंपने जा रहे हैं।

कांग्रेस के आरोप लगाये जाने के कुछ ही घंटों बाद पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

कांग्रेस नेता बर्मन ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री बिना मंत्रिमंडल की सहमति के पश्चिम त्रिपुरा के बोधजंगनगर क्षेत्र में इंफाल के एक निजी अस्पताल ‘शिजा हॉस्पिटल्स एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (एसएचआरआई) को 28 एकड़ जमीन सौंपने जा रहे हैं।”

कांग्रेस विधायक ने दावा किया, “ जमीन का मालिकाना हक रखने वाले राज्य पशु संसाधन विकास विभाग ने पहले ही भूखंड के खिलाफ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। अब, निजी अस्पताल को भूमि आवंटन के लिए मामला जिलाधिकारी के विचाराधीन है।”

विधायक ने जानना चाहा कि क्या सरकार ने इस संबंध में कोई निविदा जारी की है?

उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ने अस्पताल बनाने को लेकर जमीन सौंपने के लिए निजी संगठन को ‘अपने आप से’ चुना है। यह गंभीर अनियमितता है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अगर जरूरत पड़ी तो मैं इस कदम के खिलाफ जनहित याचिका दायर करूंगा।”

चौधरी ने मुख्यमंत्री पर लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा, “निजी अस्पताल को जमीन सौंपने का मामला अभी मंत्रिमंडल तक नहीं पहुंचा है क्योंकि इसके लिए उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा। एआरडी विभाग ने एनओसी जारी कर मामले को जिलाधिकारी के पास भेज दिया है, जो मामले को राजस्व विभाग को भेजेंगे। इसलिए मंत्रिमंडल को दरकिनार करने का सवाल ही नहीं उठता।”

चौधरी ने दावा किया कि कांग्रेस विधायक बेबुनियाद आरोप लगाकर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एसएचआरआई ने पहले ही राज्य में मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल स्थापित कर 9,000 करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया है।

चौधरी ने कहा, “त्रिपुरा को विकास के लिए राज्य के बाहर से निवेश की जरूरत है। सरकार किसी भी पक्ष को भूमि उपलब्ध कराने के लिए तैयार है अगर वे पूर्वोत्तर राज्य में निवेश करना चाहें तो फिर चाहे स्वास्थ्य सेवा हो या शिक्षा। यह प्रक्रिया सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुसार की जाएगी।”

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