खरगोन (मप्र), 26 अक्टूबर मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एक आदिवासी व्यक्ति ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद परिजनों ने दावा किया कि वन विभाग की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकान को गिराए जाने से आहत होकर उसने यह कदम उठाया है।
हालांकि, प्रभागीय वन अधिकारी प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि मृतक जिसकी पहचान 45 वर्षीय ध्यान सिंह के तौर पर की गई है, ने वन भूमि का अतिक्रमण कर मकान बनाया था।
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को करीब एक महीने पहले हटाया गया था और व्यक्ति को उसका रुख जानने के लिए नोटिस भी जारी किया गया था।
उप अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अग्रिम कुमार ने बताया कि व्यक्ति ने नवलपुरा गांव स्थित अपने घर में मंगलवार दोपहर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी जिसके बाद खरगोन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं।
मृतक के बेटे राजू ध्यान सिंह ने आरोप लगाया कि वन विभाग ने सरकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घर को बिना किसी नोटिस के ध्वस्त कर दिया था और वन कर्मियों ने उसके माता-पिता की पिटाई की थी।
उसने दावा किया कि उसके पिता ने वन विभाग के उत्पीड़न से तंग आकर यह कदम उठाया।
गोपालपुरा पंचायत के सचिव मुन्नालाल सिसोदिया ने बताया कि मृतक को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि की पहली किस्त जारी की गई थी, लेकिन वन विभाग ने शुरुआती दौर में ढांचे को गिरा दिया था।
अनुविभागीय अधिकारी कुमार ने बताया कि व्यक्ति के आत्महत्या करने के बाद ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और सड़क बाधित कर दी, उनका आरोप था कि वन विभाग के अधिकारी ध्यान सिंह का उत्पीड़न कर रहे थे।
कुमार ने कहा कि वह 15 दिनों के भीतर जिला कलेक्टर को मामले की जांच रिपोर्ट सौंप देंगे।
स्थानीय राजनीतिक संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति के स्थानीय पदाधिकारी दयाराम कुरकू ने कहा कि उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है और वन अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की मांग की है।
संगठन ने सरकार से मृतक के बेटे को 50 लाख रुपये की सहायता देने की भी मांग की है।
इस बीच, खरगोन के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट नारायण सिंह बादकुल ने कहा कि स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समझाने के बाद ग्रामीणों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया है।
उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने मृतक के परिवार को जिला रेड क्रॉस कोष से तत्काल 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मंजूर की है और नियमों के तहत अन्य सहायता की प्रक्रिया शुरू की गई है।
खरगोन के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने कहा कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
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