नयी दिल्ली, नौ दिसंबर ‘ऑल इंडिया रेलवे ट्रैकमेंटेनर्स यूनियन’ (एआईआरटीयू) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कर्मचारी संघ (ट्रेड यूनियन) के चुनाव के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में रेलवे बोर्ड के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए कानूनी सहायता की मांग की है।
रेलवे बोर्ड ने 29 नवंबर, 2024 को शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की और बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर स्थगन हासिल कर लिया, जिसमें एआईआरटीयू को ट्रेड यूनियन का चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी।
बोर्ड ने कहा कि एआईआरटीयू गैर-मान्यता प्राप्त है और वह नियमों के अनुसार गुप्त मतदान के जरिये चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं था, इसलिए उसने उच्च न्यायालय के समक्ष पूरे तथ्य प्रस्तुत नहीं करके और उसे दबाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की।
रेलवे बोर्ड में कार्यकारी निदेशक (सूचना एवं प्रचार) दिलिप कुमार ने कहा, ‘‘एआईआरटीयू के इस प्रयास को रेल मंत्रालय ने एक विशेष अनुमति याचिका के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। विशेष अनुमति याचिका अब भी विचाराधीन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, भारतीय रेलवे में हर जगह चार, पांच और छह दिसंबर को चुनाव आयोजित किये गए।’’ इन चुनावों के परिणाम 12 दिसंबर को घोषित किये जाने हैं, लेकिन कर्मचारी संघ चाहता है कि चुनाव परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी जाए। कर्मचारी संघ यह भी चाहता है कि चुनाव प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए तथा उसे चुनाव में भाग लेने की अनुमति दी जाए।’’
उच्चतम न्यायालय में इस मामले में अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी।
एआईआरटीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष चांद मोहम्मद ने चार दिसंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘‘हम विनम्रतापूर्वक अपना मामला तैयार करने और प्रस्तुत करने में आपकी कानूनी सहायता चाहते हैं, जिसकी सुनवाई 10 दिसंबर 2024 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष होनी है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)