BJP on Congress: जनता को ‘मूर्ख बनाकर’ वोट लेने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को माफी मांगनी चाहिए; भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक में ‘शक्ति’ गारंटी की समीक्षा किए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की खिंचाई किए जाने पर शुक्रवार को विपक्षी पार्टी को आड़े हाथों लिया और कहा कि उसके शीर्ष नेताओं को जनता को ‘मूर्ख बनाकर’ वोट लेने के लिए माफी मांगनी चाहिए.
नयी दिल्ली, 1 नवंबर : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कर्नाटक में ‘शक्ति’ गारंटी की समीक्षा किए जाने संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार की खिंचाई किए जाने पर शुक्रवार को विपक्षी पार्टी को आड़े हाथों लिया और कहा कि उसके शीर्ष नेताओं को जनता को ‘मूर्ख बनाकर’ वोट लेने के लिए माफी मांगनी चाहिए.
यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने खरगे की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस ने पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी चुनावी घोषणाएं, ‘जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए होती हैं. दरअसल, शिवकुमार ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार ‘शक्ति’ योजना पर फिर से विचार करेगी क्योंकि कुछ महिलाओं ने सरकारी बसों में यात्रा के लिए भुगतान करने की इच्छा व्यक्त की है. यह भी पढ़ें : Nitesh Rane on Sanjay Raut: संजय राउत पर भड़के नितेश राणे, रश्मि शुक्ला को सचिन वाजे न समझने की दी हिदायत
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की इस गारंटी के तहत महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है. खरगे ने शिवकुमार के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा था, ‘‘आपने कुछ गारंटी दी हैं. उन्हें देखने के बाद मैंने भी महाराष्ट्र में कहा था कि कर्नाटक में पांच गारंटी हैं. अब आपने (शिवकुमार) कहा कि आप एक गारंटी छोड़ देंगे.’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि शिवकुमार ने जो कुछ भी कहा है, उससे भजापा को मौका (कांग्रेस को घेरने का) मिल गया है. इस पर टिप्पणी करते हुए प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने अध्यक्ष के माध्यम से पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी चुनावी ‘गारंटी’, जनता की आंखों में धूल झोंकने की बात है.
कर्नाटक के अलावा तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की ओर से घोषित चुनावी गारंटियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘...घोषणा करके... शुद्ध में जनता को मूर्ख बनाकर वोट लेना. और बाद में योजना को जमीन पर नहीं उतरना. बस, कागज पर ही रहना. यह कांग्रेस का आज का इतिहास नहीं है. गरीबी हटाओ की घोषणा 1971 में हुई. गरीबी हटी क्या? घोषणा करो, कोई पूछने वाला नहीं है. कांग्रेस की कलई खुल गई है और उसकी सच्चाई सामने आई है.’’