हैदराबाद, 15 मई केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय पादप स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान (एनआईपीएचएम) में एकीकृत जैविक नियंत्रण प्रयोगशाला (बीसी-लैब) का उद्घाटन किया।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि इस सुविधा का उद्घाटन भारत में रसायन मुक्त टिकाऊ कृषि के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सुविधा विस्तार कर्मियों को कृषि और बागवानी फसलों में कीट प्रबंधन के गैर-रासायनिक विकल्पों को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
प्रशिक्षित अधिकारी स्थायी कृषि पद्धतियों को अपनाने और कीट प्रबंधन के लिए पर्यावरण के अनुकूल व्यवहार के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए संबंधित क्षेत्रों में किसानों को प्रशिक्षण देंगे।
यह सुविधा देश में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में कृषि अधिकारियों, विस्तार अधिकारियों और किसानों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में भी मदद करेगी।
प्रयोगशाला का उद्घाटन करने के बाद तोमर ने इस प्रयोगशाला में विकसित तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि विभिन्न फसलों में अत्यधिक कीटनाशकों के प्रयोग के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने के साथ-साथ खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कीटों के लिए जैव नियंत्रण का उपयोग आवश्यक है।
मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि देश की ब्रांड छवि को बनाए रखने के लिए विदेशी बाजार में निर्यात की जा रही जैविक रूप से उत्पादित कृषि वस्तुओं में कोई कीटनाशक अवशेष नहीं होना चाहिए।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि सचिव मनोज आहूजा, तेलंगाना के कृषि सचिव रघुनंदन राव, एनआईपीएचएम के महानिदेशक सागर हनुमान सिंह भी मौजूद थे।
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