देश की खबरें | किसान को आत्महत्या से रोकने के लिए लगाया था पुलिस जाब्ता, 9.91 लाख रुपये जमा कराने को कहा

जयपुर, 23 दिसंबर राजस्थान के झुंझुनू जिले में पुलिस ने एक किसान से उसकी सुरक्षा में लगाए गए पुलिस ‘जाब्ते’ के खर्च के मद में 9.91 लाख रुपये जमा कराने को कहा है।

इस किसान ने आत्महत्या की धमकी दी थी, जिसके बाद उसे ऐसे किसी कदम से रोकने के लिए पुलिस ‘जाब्ता’ लगाया गया था।

किसान विद्याधर यादव ने बताया कि नवलगढ़ के गोठड़ा गांव में सीमेंट कारखाने के लिए उनकी जमीन अधिग्रहण के तहत उनके मकान को बिना मुआवजा दिए, गिराए जाने से वह परेशान थे।

मुआवजे के संबंध में जिला प्रशासन और सीमेंट कंपनी प्रबंधन ने जब कोई उचित जवाब नहीं दिया तो उन्होंने नौ दिसंबर को राष्ट्रपति के नाम वाला ज्ञापन जिला कलेक्टर को देकर आत्महत्या करने की धमकी दी।

इसमें किसान ने अपनी समस्या के समाधान के लिए 11 दिसंबर सुबह 11 बजे तक का समय दिया था। प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए, किसान को कोई आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के लिए गांव में पुलिस ‘जाब्ता’ तैनात कर दिया।

यादव ने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास भी किया, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया। बाद में उन्हें मुआवजा दे दिया गया।

अब 17 दिसंबर को झुंझुनू के जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से किसान को एक नोटिस जारी करके यादव व उनके परिवार को इच्छा मृत्यु से बचाने के लिए पुलिस बल तैनात करने के एवज में 9,91,577 रुपये जमा कराए।

नोटिस में कहा गया है कि 99 पुलिसकर्मियों- एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, दो उपाधीक्षक, दो निरीक्षक, तीन उपनिरीक्षक, छह सहायक उपनिरीक्षक, 18 हेड कांस्टेबल और 67 कांस्टेबल की तैनाती की गई तथा सरकारी वाहनों का इस्तेमाल किया गया, जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा।

नोटिस में आगे कहा गया है कि उनकी (किसान की) निजी सुरक्षा पर हुए 9,91,577 रुपये के खर्च की वसूली उनसे की जानी है।

झुंझुनू के पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा, "सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स तैनात किए जाने के कारण वसूली के लिए नोटिस भेजा गया है।"

किसान ने कहा कि उसके पास इच्छामृत्यु मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, क्योंकि उसकी सारी जमीन अधिगृहीत कर ली गई और बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं लगातार उपखंड अधिकारी (एसडीएम) और कंपनी के अधिकारियों से मुआवजे की राशि जारी करने का अनुरोध कर रहा था, लेकिन कोई उचित जवाब नहीं मिला, इसलिए मैंने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला कलेक्टर को दिया और इच्छामृत्यु के लिए 11 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया।’’

यादव ने कहा, "मैंने सुरक्षा की मांग नहीं की थी। जिला प्रशासन और पुलिस ने व्यवस्था की तथा अब पुलिस अधीक्षक ने मुझे वसूली का नोटिस दिया है।"

उन्होंने कहा कि अब मुआवजे का कोई मामला नहीं है, क्योंकि उन्हें मुआवजा मिल चुका है।

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