इम्फाल, 12 जून जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर के इम्फाल पूर्व और कांगपोकपी जिलों की सीमा पर स्थित खमेनलोक इलाके में सोमवार को दौरान ग्राम स्वयंसेवकों और उग्रवादियों के एक समूह के बीच हुई गोलीबारी में तीन व्यक्ति घायल हो गए। यह जानकारी पुलिस ने दी।
तीनों व्यक्तियों को इम्फाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां एक की हालत गंभीर बताई गई है।
पुलिस ने कहा कि छिटपुट गोलीबारी कुछ देर तक जारी रही और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बलों को वहां भेजा गया। पिछले तीन दिनों में हिंसा की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आयी थी।
इस बीच, सेना के एक अधिकारी ने कहा कि इम्फाल पूर्व जिले के लीटनपोकपी में एक पुल को सेना द्वारा इस्तेमाल योग्य बना दिया गया है जिसे पिछले महीने उपद्रवियों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
अधिकारी ने कहा कि पुल की मरम्मत के बाद अब लीटनपोकपी, चंपई और पुखाओ फुरजू इलाकों में राहत सामग्री के तेजी से परिवहन की सुविधा मिलेगी।
एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में कम से कम 100 लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।
मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि पूरे पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं।
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नगा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।
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