Bulli Bai Row: मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले का बड़ा बयान, कहा- ‘बुली बाई’ ऐप मामले में तीन गिरफ्तार, और लोगों के शामिल होने की आशंका

नगराले ने कहा कि पुलिस पता लगाएगी कि मास्टरमाइंड कौन था, उसका मकसद क्या था और क्या गिरफ्तार आरोपियों को भुगतान किया गया और किसने उन्हें भुगतान किया. ऐप को ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर होस्ट किया गया था. बाद में, शिकायत मिलने पर इसे प्लेटफॉर्म द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था.

मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले (Photo Credits: PTI)

मुंबई: मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले (Hemant Nagrale) ने बुधवार को यहां कहा कि ‘बुली बाई’ ऐप (Bully Bai App) मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. यह मामला, संबंधित ऐप पर 'नीलामी' के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट किए जाने से जुड़ा है. यह कोई वास्तविक 'नीलामी' या 'बिक्री' नहीं थी. ऐप का उद्देश्य लक्षित महिलाओं को अपमानित करना और डराना था. इनमें से कई महिलाएं सोशल मीडिया (Social Media) पर सक्रिय हैं. ‘Bulli Bai’ Row: उत्तराखंड से श्वेता सिंह गिरफ्तार, इंजीनियरिंग छात्र पुलिस हिरासत में

नगराले ने संवाददाताओं से कहा कि मामले में कुछ और लोगों के शामिल होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ऐप का प्रचार करने वाले कुछ ट्विटर हैंडल ने सिखों से मिलते-जुलते नामों का इस्तेमाल क्यों किया.

मुंबई के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने मामले के बारे में अन्य राज्यों के अधिकारियों द्वारा की गई टिप्पणियों पर भी नाराजगी व्यक्त की. पुलिस ने पहले कहा था कि मामले में बुधवार तड़के मयंक रावल (21) को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया.

श्वेता सिंह (19) को भी मंगलवार को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया था, जबकि इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा (21) को सोमवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस मामले में कोई साजिश रची गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘मामले में जांच जारी है और अगर कोई भी व्यक्ति अपराध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा और उस पर मुकदमा चलाया जाएगा.’’

नगराले ने कहा, ‘‘चूंकि जांच की प्रकृति संवेदनशील है, इसलिए हम अधिक विवरण साझा नहीं कर पाएंगे.’’ उन्होंने कहा कि जांच ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ी है, इसलिए विवरण साझा करने से जांच में बाधा आ सकती है.

उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस की साइबर शाखा मामले की जड़ तक जाएगी. नगराले ने महाराष्ट्र के बाहर के अधिकारियों द्वारा मामले पर टिप्पणी किए जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ स्थानीय अधिकारियों ने अपना नजरिया जाहिर किया है. मुझे लगता है कि इसकी आवश्यकता नहीं थी. उन्हें मामले की विस्तृत जानकारी नहीं थी. आम तौर पर, हम दूसरे राज्यों के मामलों के बारे में नहीं बोलते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपके पास उचित जानकारी नहीं है, तो आपको इस (मामले) पर बयान जारी नहीं करना चाहिए.’’ पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपियों ने 'बुली बाई' नाम से एक वेब-आधारित ऐप बनाया और एक विशेष समुदाय की महिलाओं की तस्वीरें पोस्ट कीं, जो उनकी भावनाओं को आहत कर सकती हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या ऐप को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया हैंडल द्वारा सिख नामों का इस्तेमाल किया गया था, नगराले ने कहा कि ऐसा लगता है कि ऐसा प्रयास किया गया था. इनमें से कुछ हैंडल में 'खालसा सुप्रीमिस्ट', 'जतिंदर सिंह भुल्लर', 'हरपाल', 'सेज' जैसे नाम थे. पुलिस आयुक्त ने कहा, "हैंडल की स्थिति (ऐप से जुड़ा) के अनुसार, यह कहती है कि बुली बाई खालसा सिख फोर्स द्वारा एक समुदाय संचालित ओपन सोर्स ऐप है. तो ऐसा क्यों है, यह हमारी जांच का हिस्सा है."

उन्होंने कहा, "यह कहना जल्दबाजी होगा कि पूरी कवायद का उद्देश्य क्या था." नगराले ने कहा कि मुंबई पुलिस ने दो जनवरी को ऐप के बारे में शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने ऐप और संबंधित ट्विटर हैंडल का तकनीकी विश्लेषण शुरू किया.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह ट्विटर हैंडल, ऐप के नाम से ही, सोशल मीडिया पर ऐप की वेबसाइट को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था. उन्होंने कहा, "तकनीकी विश्लेषण के दौरान, हमने ऐप के फॉलोअर के बारे में जानकारी एकत्र की और आरोपी की तलाश शुरू की."

नगराले ने दावा किया कि बेंगलुरू निवासी विशाल कुमार झा, इंजीनियरिंग द्वितीय वर्ष का छात्र है, जो इस हैंडल के पांच फॉलोअर में से एक था. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति मामले की जानकारी साझा करना चाहता है तो वह मुंबई साइबर पुलिस से संपर्क कर सकता है.

इसी तरह की अन्य शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे पास कोई शिकायत आती है, वह किसी भी समुदाय की हो सकती है, तो हम उस पर तुरंत संज्ञान लेंगे.’’

यह पूछे जाने पर कि क्या मामले के आरोपी 'सुल्ली डील' मामले में भी शामिल थे (जहां मुस्लिम महिलाओं को लक्षित करने वाली एक समान वेबसाइट बनाई गई थी), मुंबई पुलिस आयुक्त ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार किया.

पुलिस आयुक्त ने कहा, "मैं केवल मुंबई पुलिस में दर्ज मामले के बारे में चर्चा (सीमित) रखूंगा, और उल्लिखित मामले की जांच दिल्ली पुलिस द्वारा की जा रही है. जांच तीन दिन पुरानी है और मैं यह नहीं कह सकता कि दोनों मामले जुड़े हुए हैं या नहीं."

नगराले ने कहा कि पुलिस पता लगाएगी कि मास्टरमाइंड कौन था, उसका मकसद क्या था और क्या गिरफ्तार आरोपियों को भुगतान किया गया और किसने उन्हें भुगतान किया. ऐप को ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब पर होस्ट किया गया था. बाद में, शिकायत मिलने पर इसे प्लेटफॉर्म द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था.

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