श्रीनगर, 21 अक्टूबर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अगर इस्लामाबाद भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना चाहता है तो उसे यहां आतंकवादी घटनाएं रोकनी होंगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद नहीं करता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती।
अब्दुल्ला ने रविवार को गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि भारत को क्या कदम उठाना चाहिए, यह केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। यह हमारे लिए एक समस्या है और हम इसे वर्षों से झेल रहे हैं। मैं इसे 30 वर्ष से देख रहा हूं। मैंने उन्हें कई बार कहा है कि वे इसे रोकें लेकिन उनकी सोच ही ऐसी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बातचीत कैसे हो सकती है? आप हमारे निर्दोष लोगों को मारते हैं और फिर बातचीत के लिए कहते हैं। पहले हत्याएं करना बंद करो।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस हमले को दर्दनाक घटना बताते हुए कहा कि इसमें यहां आजीविका कमाने आए गरीब लोग मारे गए।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। गरीब मजदूर यहां आजीविका के लिए आते हैं ताकि वे अपने परिवारों का पेट भर सकें। इन दरिंदों ने उनकी हत्या कर दी। उनके साथ मारे गए लोगों में हमारा एक चिकित्सक भी था। उसने भी अपनी जान गंवा दी।’’
गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले में एक स्थानीय चिकित्सक और छह गैर स्थानीय श्रमिकों की मौत हो गयी तथा पांच अन्य लोग घायल हो गए।
अब्दुल्ला ने कहा कि यदि आतंकवादी सोचते हैं कि वे इस तरह के कृत्यों से जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी हुकूमत स्थापित कर लेंगे तो यह उनकी गलतफहमी है।
नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इन दरिंदों को क्या मिलेगा? क्या वे सोचते हैं कि वे यहां पाकिस्तान स्थापित करेंगे? हम कई वर्षों से देख रहे हैं कि वे (आतंकवादी) वहां से आ रहे हैं। हम इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम अपनी मुश्किलों से बाहर आ सकें। मैं पाकिस्तान के शासकों से कहना चाहता हूं कि अगर वे वास्तव में भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं तो उन्हें यह बंद कर देना चाहिए। कश्मीर, पाकिस्तान (का हिस्सा) नहीं बनेगा।’’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर के लोगों को शांति और सम्मान से रहने देना चाहिए तथा उसे अपने देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘कृपया हमें सम्मान के साथ जीने दीजिए, हमें विकास करने दीजिए। आप हमें कब तक दुखी करेंगे? आपने 1947 में कबायली हमलावरों को भेजकर और निर्दोष लोगों को मारकर इसकी शुरुआत की थी। क्या आप यहां पाकिस्तान बनाने में सफल रहे? अगर आप 75 साल में सफल नहीं हुए, तो अब कैसे सफल होंगे?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अल्लाह के लिए अपने देश का ख्याल रखें और विकास पर ध्यान दें तथा हमारी चिंता न करें। हम यहां गरीबी और बेरोजगारी को खत्म करना चाहते हैं। आतंकवाद के जरिए इसे हासिल नहीं किया जा सकता।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि इस हमले का असर जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर यह (रक्तपात) जारी रहा तो हम कैसे प्रगति करेंगे? समय आ गया है कि उन्हें इसे रोकना चाहिए अन्यथा बाद में इसके परिणाम कठोर होंगे।’’
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