पटना, 17 मार्च राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि बिहार में एक ‘‘खामोश लहर’’ (अंडरकरंट) है जिसके कारण आगामी लोकसभा चुनाव में ‘‘आश्चर्यजनक’’ नतीजे सामने आएंगे।
यादव ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि चुनाव के नतीजे महागठबंधन के पक्ष में होंगे, जो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ मजबूत लहर का संकेत देंगे।
उन्होंने बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार के 17 महीने के कार्यकाल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और इसकी तुलना भाजपा-जदयू (जनता दल-यूनाइटेड) के 17 वर्ष के शासन से की।
यादव ने कहा, ‘‘बिहार की जनता जानती है कि हमने (महागठबंधन सरकार) अपने 17 महीने के शासनकाल में बिहार में क्या किया। जो काम 17 महीने में हुआ, वह 17 साल (भाजपा-जदयू शासन) में नहीं हो सका।’’
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग महागठबंधन के किए प्रयासों को पहचानते हैं और मानते हैं कि उसके नेतृत्व में बड़े परिवर्तन संभव हैं।
राजद नेता शिवाजी पार्क में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) द्वारा आयोजित एक रैली में भाग लेने के लिए मुंबई रवाना हुए।
उन्होंने जातिगत सर्वेक्षण रिपोर्ट पर आधारित महागठबंधन की नीतियों, विशेष रूप से वंचित जातियों के लिए राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के महत्व पर जोर दिया।
यादव ने आरक्षण बढ़ाने के कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में नहीं रखने के लिए केंद्र की राजग सरकार की आलोचना की। उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाया।
राजद नेता ने कहा, ‘‘हमने केंद्र से आरक्षण बढ़ाने के कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध किया था ताकि उन्हें कानूनी जांच से छूट मिल सके, लेकिन केंद्र की राजग सरकार ने ऐसा नहीं किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले पर चुप क्यों हैं।’’
यादव ने भाजपा के 400 संसदीय सीट जीतने के दावे को अवास्तविक बताकर खारिज कर दिया। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि भले ही लोकसभा में केवल 543 सीट हैं, लेकिन वे 1,000 सीट का दावा करने के लिए भी स्वतंत्र हैं।
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