Haryana: महिला ने अस्पताल में भर्ती नहीं हो पाने के बाद वार्ड के बाहर ही दिया बच्चे को जन्म, चिकित्सा अधिकारी ने दिए जांच के आदेश

नरेंद्र ने कहा, ‘‘मैं अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर शुक्रवार सुबह करीब सात बजे सदर अस्पताल पहुंचा क्योंकि उसे पेट में दर्द हो रहा था. अस्पताल में, प्रसूति वार्ड में मौजूद नर्स ने दर्द से कराह रही मेरी पत्नी की जांच किए बिना मुझे बाद में आने के लिए कहा.’’

(Photo Credit : Twitter)

गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में 12 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बावजूद भर्ती नहीं करने पर एक महिला को कथित तौर पर यहां सदर अस्पताल के प्रसूति वार्ड के बाहर अपने बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों के मुताबिक महिला ने शुक्रवार देर रात प्रसूति वार्ड के बाहर बच्चे को जन्म दिया. इस घटना पर एक सोशल मीडिया पोस्ट जल्द ही वायरल हो गया, जिसके बाद प्रधान चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) को इस सिलसिले में जांच के आदेश देने पड़े. महिला का पति नरेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के हरदोई का रहने वाला है. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर हमला करने वाले चार युवक गिरफ्तार, कोर्ट में सरेंडर करने वाले थे आरोपी

नरेंद्र सिंह ने बताया कि वह एक कंपनी में काम करता है और पिछले कई वर्षों से अपने परिवार के साथ लक्ष्मण विहार कॉलोनी में रह रहा है. नरेंद्र सिंह ने सदर अस्पताल के एक चिकित्सक और एक नर्स की कथित लापरवाही के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसके कारण उनकी पत्नी को अस्पताल के वार्ड के बाहर बच्ची को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा.

नरेंद्र ने कहा, ‘‘मैं अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर शुक्रवार सुबह करीब सात बजे सदर अस्पताल पहुंचा क्योंकि उसे पेट में दर्द हो रहा था. अस्पताल में, प्रसूति वार्ड में मौजूद नर्स ने दर्द से कराह रही मेरी पत्नी की जांच किए बिना मुझे बाद में आने के लिए कहा.’’

महिला के पति ने कहा, ‘‘ मैंने वार्ड में मौजूद एक चिकित्सक से भी मुलाकात की. लेकिन चिकित्सक ने भी कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में दोपहर 12 बजे तक हम इलाज के लिए गुहार लगाते रहे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. मैं परेशान होकर अस्पताल परिसर के पार्क में बैठ गया और रात में प्रसूति वार्ड के बाहर इंतजार करने लगा लेकिन मेरी पत्नी को वार्ड में भर्ती नहीं किया गया. 12 घंटे से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद, उसने शुक्रवार देर रात अस्पताल की पहली मंजिल पर प्रसूति वार्ड के बाहर बच्ची को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा.’’

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