नयी दिल्ली, 26 मार्च भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने कहा कि पिछले कुछ समय में शुभमन गिल की बल्ले से फॉर्म को देखते हुए वह राष्ट्रीय टीम में शामिल करने के लिये इस युवा क्रिकेटर को खुद पर तरजीह देंगे।
गिल इस सत्र में तीनों प्रारूपों में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं और उन्होंने इस साल के अंत में भारत में होने वाले वनडे विश्व कप के लिए अपना स्थान लगभग पक्का कर लिया है जबकि धवन फॉर्म में गिरावट के कारण इस दौड़ में पिछड़ गये हैं।
गिल ने इस साल सभी तीनों प्रारूपों में शतक जड़ चुके हैं जिसमें न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे में एक दोहरा शतक और अहमदाबाद में ड्रा रहे चौथे टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ एक शतक शामिल है।
वहीं 167 वनडे के अनुभवी धवन घरेलू सरजमीं पर होने वाले वनडे विश्व कप के लिये भारतीय टीम में जगह बनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर वह चयनकर्ता होते तो वह मौजूदा फॉर्म को देखते हुए 23 साल के खिलाड़ी गिल को ही चुनेंगे।
धवन ने ‘आज तक’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि जिस तरह से शुभमन खेल रहा है। वह दो प्रारूपों में खेल रहा था और टेस्ट और टी20 में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। वह अंतरराष्ट्रीय सर्किट में ज्यादा मैच खेल रहा था जबकि मैं नहीं। अगर मैं चयनकर्ता होता तो मैं निश्चित रूप से शुभमन को मौका देता। शिखर के बजाय शुभमन को चुनता। ’’
धवन ने साथ ही कहा कि कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ ने पहले उनका समर्थन किया था और उन्हें वनडे विश्व कप पर ध्यान लगाने के लिए कहा था लेकिन उनकी फॉर्म में गिरावट के साथ गिल के शानदार प्रदर्शन करने से उन्होंने टीम में अपना स्थान गंवा दिया।
धवन ने कहा, ‘‘जब रोहित ने कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी, उन्होंने और राहुल ने मुझे कहा कि मैं अपना ध्यान सिर्फ क्रिकेट पर लगाये रखूं और अगले विश्व कप तक मेरा लक्ष्य यही होना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘2022 मेरे लिये बहुत अच्छा रहा, मैं वनडे में निरंतर था। लेकिन यह युवा खिलाड़ी (गिल) दो प्रारूपों में अच्छा कर रहा था और जब एक या दो श्रृंखलाओं में मेरी फॉर्म में गिरावट आयी तो उन्होंने शुभमन को मौका दिया और वह उम्मीदों पर खरा उतरा। ’’
धवन ने कहा, ‘‘हम इस तरह के हालात के आदी हैं। जब ईशान किशन ने बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा तो एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं टीम से बाहर हो सकता हूं। यह क्रिकेट में नया नहीं है। या यह सिर्फ मेरे साथ हुआ हो, कई और भी इस तरह की स्थिति का सामना कर चुके हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब एक कप्तान, कोच और चयनकर्ता फैसला करते हैं तो वे इस पर काफी सोच विचार करते हैं। ’’
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