तोक्यो, एक अगस्त संजीव राजपूत और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर सोमवार को यहां तोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में प्रतिस्पर्धा के लिए उतरेंगे तो उनकी कोशिश अब तक ओलंपिक में निराशाजनक रहे भारतीय अभियान को सकारात्मक तरीके से खत्म करने की होगी।
तोक्यो ओलंपिक के शुरू होने से पहले भारतीय निशानेबाजी दल को कई पदकों का दावेदार माना जा रहा था लेकिन अब तक कोई भी निशानेबाज ऐसा करने में सफल नहीं रहा। भारतीय निशानेबाजों की अब सिर्फ एक स्पर्धा पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन बची है।
पांच साल पहले रियो ओलंपिक (2016) में भी भारतीय निशानेबाजों को पदक का दावेदार माना जा रहा था लेकिन वहां से भी वे खाली हाथ लौटे थे।
राजपूत ने 2019 में रियो डी जेनेरियो में हुए आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान इस स्पर्धा में भारत का पहला ओलंपिक कोटा हासिल किया था जबकि तोमर ने उसी साल के आखिर में एशियाई निशानेबाजी चैम्पियनशिप में दूसरा कोटा हासिल किया।
पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल में सौरभ चौधरी को छोड़कर कोई भी भारतीय निशानेबाज तोक्यो में फाइनल में जगह नहीं बना सका।
टीम के अभियान को यादगार तरीके से खत्म करने की जिम्मेदारी अब राजपूत और तोमर पर है। 40 वर्षीय अनुभवी राजपूत अपने तीसरे ओलंपिक में भाग ले रहे हैं, तो वहीं 20 साल के तोमर इन खेलों में पदार्पण कर रहे हैं।
विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज तोमर अच्छी लय में है। उन्होंने इस साल मार्च में नयी दिल्ली में विश्व कप में 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्वर्ण पदक जीता था और फिर क्रोएशिया के ओसिजेक में जून-जुलाई में हुए विश्व कप में फाइनल में जगह पक्की की थी।
वह इसी टूर्नामेंट की पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में भी क्वालीफाइंग बाधा पार करने में सफल रहे थे।
विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज राजपूत नयी दिल्ली में हुए विश्व कप में छठे स्थान पर रहे थे। वह ओसिजेक विश्व कप में हालांकि क्वालीफिकेशन दौर से ही बाहर हो गये थे।
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