जयपुर, 31 अगस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष सी पी जोशी ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पर अंगुली उठाने का कारण कहीं ना कहीं उनकी हताशा है।
जोशी ने यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा ‘‘ मैं सोचता हूं कि न्यायिक प्रक्रिया पर अंगुली उठाने का कारण कहीं ना कहीं उनकी बड़ी हताशा है। मुख्यमंत्री जी (अशोक गहलोत), आपको किसी के ऊपर पर विश्वास नहीं है तो अब राजस्थान की जनता को भी आपके ऊपर विश्वास नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि इस प्रकार के बयान लोकतंत्र में खासकर इतने बड़े पद पर बैठे किसी नेता को शोभा नहीं देता।’’
गहलोत ने बुधवार को आरोप लगाया था कि न्यायपालिका में भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा था, ‘‘ आज न्यायपालिका में भ्रष्टाचार व्याप्त है। मैंने सुना है कि कुछ वकील खुद ही फैसला लिखकर लाते हैं और वही फैसला सुनाया जाता है।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘न्यायपालिका में क्या हो रहा है? चाहे निचली हो या ऊपरी (अदालतें), चीजें गंभीर हैं और लोगों को इसके बारे में सोचना चाहिए।’’
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आयकर विभाग को ऊपर से निर्देश मिलते हैं और एजेंसियां बिना पूर्व आकलन किये छापेमारी करती हैं।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने गहलोत द्वारा जांच ऐजेंसियों पर अंगुली उठाने पर कहा ‘‘ आप (गहलोत सरकार) भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं… आपके कार्यालय (सचिवालय) में करोडो रुपये मिल जाते हैं.. सोने का बिस्कुट मिल जाता है और आप लीपापोती करके एक अधिकारी को निशाना बनाते हैं जबकि उस मंत्रालय के मुखिया हैं आप ?’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्य कहते हैं कि ‘‘हमने भ्रष्टाचार इसलिये किया क्योंकि इतने करोड रुपये देकर हम सदस्य बने हैं।.. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जितने मामले दर्ज करता है.. उनमें कितने मामलों में आपने (गहलोत) अभियोजन स्वीकृति ने दी।’’
उन्होंने सवाल उठाया , ‘‘ बजरी माफियाओं का पनाह किसने दिया.. भ्रष्ट अधिकारियों को पनाह किसने दिया.. । जहां भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उनपर कार्यवाही करता है.. मामला दर्ज करता है.. आप उस मामले की फाईल को अपने पास रखकर उसको (अधिकारी को) उसी कुर्सी पर बिठा देते हैं या अच्छे स्थान पर उसकी नियुक्ति कर देते हैं। इसके पीछे क्या कारण है? जनता यह सब जानना चाहती है।’’
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