जरुरी जानकारी | अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी लगे कि वह विकसित भारत का भागीदार है: मांडविया

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर केंद्रीय श्रम एंव रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी यह लगना चाहिए कि वह ‘विकसित भारत’ का भागीदार है।

मांडविया यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बीड़ी कामगारों पर एक पुस्तक के विमोचन तथा शोध रिपोर्ट जारी करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

इस पुस्तक का विमोचन अखिल भारतीय बीड़ी उद्योग महासंघ (एआईबीआईएफ) द्वारा त्रिनिकेतन फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट के साथ मिलकर किया गया।

मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि ‘हमें विकसित भारत बनाना है। ...लेकिन जब विकसित भारत बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ेंगे तो अंतिम पंक्ति को भी अच्छी सुविधा प्राप्त हो और उसे लगे कि वह विकसित भारत का भागीदार है। मोदी सरकार कई कल्याणकारी योजनाओं की मदद से बीड़ी श्रमिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।’

अतिथियों ने त्रिनिकेतन फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर विभिन्न शोध रिपोर्ट जारी कीं। एक शोध रिपोर्ट से पता चलता है कि कई महिला श्रमिकों के लिए बीड़ी बनाना सिर्फ़ एक काम नहीं बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का एक साधन है।

इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय बीड़ी उद्योग महासंघ द्वारा निर्मित एक वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) ‘उड़ान सपनों की’ का प्रदर्शन भी किया गया। इस फिल्म में उन परिवारों की सफलता की कहानियां दिखाई गईं, जिन्होंने बीड़ी बनाने से होने वाली आय के माध्यम से सामाजिक गतिशीलता हासिल की है।

कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल, स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अश्वनी महाजन और भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय संगठन सचिव बी. सुरेंद्रन भी शामिल थे। इनके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद, सामाजिक संगठनों आदि के प्रतिनिधि भी इसमें शामिल हुए।

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