नयी दिल्ली, 21 नवंबर भारत में एक दिन में कोविड-19 के 10,488 नए मामले आने से संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 3,45,10,413 पर पहुंच गयी जबकि इस अवधि के दौरान उपचाराधीन मरीजों की संख्या कम होकर 1,22,714 रह गयी है, जो पिछले 532 दिन में सबसे कम है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार को सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 313 और मरीजों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,65,662 हो गयी है।
आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस के रोज आने वाले नए मामले लगातार 44वें दिन 20,000 से कम और लगातार 147वें दिन 50,000 से कम हैं।
मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 2,154 की कमी आयी है। फिलहाल यह संक्रमण के कुल मामलों का 0.36 प्रतिशत है जो मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 98.30 प्रतिशत है जो पिछले साल मार्च के बाद से सबसे अधिक है।
मंत्रालय ने बताया कि दैनिक संक्रमण दर 0.98 प्रतिशत दर्ज की गयी, जो पिछले 48 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 0.94 फीसदी दर्ज की गयी और यह पिछले 58 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 3,39,22,037 हो गयी है जबकि मृत्यु दर 1.35 प्रतिशत है। अभी तक देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत 116.50 करोड़ से अधिक खुराक दी गयी है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
मंत्रालय ने बताया कि देश में जिन 313 लोगों की मौत हुई है उनमें से 248 की केरल में और 15 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई।
देश में इस महामारी से अब तक 4,65,662 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 1,40,722 की मौत महाराष्ट्र में, 38,174 की कर्नाटक, 37,299 की केरल, 36,361 की तमिलनाडु, 25,095 की दिल्ली, 22,909 की उत्तर प्रदेश और 19,376 लोगों की मौत पश्चिम बंगाल में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
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