देश की खबरें | दिल्ली में 1-14 जनवरी के बीच वेंटिलेटर की जरूरत वाले मरीजों की संख्या केवल दोगुना बढ़ी : आंकड़े

नयी दिल्ली, 15 जनवरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक से 14 जनवरी के बीच कोविड-19 के मामलों की संख्या लगभग नौ गुना बढ़ी है, लेकिन इसी अवधि के दौरान शहर के अस्पतालों में वेंटिलेटर की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या में केवल दोगुना वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।

अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान जब मामलों की संख्या समान थी, उस दौरान लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की दर और वेंटिलेटर की आवश्यकता संबंधी दर अधिक थी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने की दर स्थिर हो गई है जो दर्शाती है कि लहर थम गई है।

सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में एक जनवरी को कोविड-19 के 2,716 मामले थे, जबकि 14 जनवरी को मामलों की संख्या 24,383 थी।

आंकड़ों के अनुसार, इसी तरह एक जनवरी को अस्पताल में 247 मरीज थे, जिनमें से पांच मरीज वेंटिलेटर (2.02 फीसदी) पर थे, जबकि 14 जनवरी को अस्पताल में 2,529 मरीज थे, जिनमें से 99 मरीज (3.91 फीसदी) वेंटिलेटर पर थे।

आंकड़े दर्शाते हैं कि एक जनवरी से 14 जनवरी के बीच संक्रमण के मामलों की संख्या में 8.9 गुना वृद्धि हुई, लेकिन कोविड मरीजों के वेंटिलेटर पर जाने की दर में केवल दोगुना वृद्धि हुई।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि अस्पताल में भर्ती होने की अपेक्षा वेंटिलेटर मरीजों की प्रतिशत वृद्धि दर बहुत कम है।

अधिकारी ने कहा कि केवल अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित कोविड मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है, लेकिन अब भी सावधानी बरतनी होगी।

पांच जनवरी को, कोविड मामलों की संख्या 10,655 थी, जबकि 5,782 रोगियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था और इनमें से केवल 2.81 प्रतिशत (22 रोगी) वेंटिलेटर पर थे।

इसी तरह, 10 जनवरी को, शहर में 19,166 कोविड मामले सामने आए थे, जबकि अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 1,999 थी, जिनमें से केवल 3.25 प्रतिशत (65 मरीज) वेंटिलेटर पर थे।

इसी प्रकार 13 जनवरी को, मामलों की संख्या 28,867 थी, जो महामारी शुरू होने के बाद से सबसे अधिक थी। उस दिन अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 2,424 थी, जिनमें से 98 मरीज (4.04 प्रतिशत) वेंटिलेटर पर थे।

जैन ने बुधवार को दावा किया था कि अस्पताल में भर्ती होने की दर स्थिर हो गई है जो यह दर्शाती है कि मौजूदा लहर चरम पर है और मामले जल्द ही घटने शुरू हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा है कि पिछले चार से पांच दिनों में अस्पताल में भर्ती होने की संख्या स्थिर हो गई है ... हम दो से तीन दिनों में मामलों में गिरावट देख सकते हैं।’’

जैन ने कहा कि संक्रमण के मौजूदा बढ़ते मामलों के बीच मरने वालों में से अधिकतर लोग अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे और कोरोना वायरस के कारण बहुत कम मौत हुई हैं।

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