आगरा/फिरोजाबाद, 20 अगस्त बस को अगवा करने के मामले के मुख्य आरोपी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने फिरोजाबाद में बृहस्पतिवार सुबह मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया, आरोपी इसमें घायल हो गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि फतेहाबाद इलाके के एक गांव में बृहस्पतिवार सुबह करीब पांच बजे आरोपी और आगरा और फिरोजाबाद पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रदीप गुप्ता और उसका सहयोगी यतीन्द्र यादव मोटरसाइकिल पर जा रहे थे। पुलिस को देखकर उन्होंने गोलियां चलानी शुरू कर दी जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोली चलायी। इस दौरान गुप्ता घायल हो गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया जबकि उसका साथी यादव फरार हो गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस की कई टीमें लगी हैं और जल्द ही दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार रात को बस को अगवा करने के मामले में कम से कम 12 लोग शामिल थे। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले बस मालिक अशोक अरोड़ा और प्रदीप गुप्ता के बीच पैसे के लेनदेन का विवाद था। अगवा की गयी बस को 12 घंटे बाद बुधवार दोपहर बाद इटावा के एक ढाबे से बरामद कर लिया गया था। अधिकारियों के अनुसार सभी 34 यात्री सुरक्षित थे और उन्हें अन्य वाहनों से उनके गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया था। बस अगवा करने के मामले का मुख्य आरोपी गुप्ता जयपुर का रहने वाला है लेकिन फिलहाल आगरा में रहता है। अधिकारियों के अनुसार वह परिवहन विभाग के आरटीओ कार्यालय में दलाली का काम करता है।
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गौरतलब है कि आगरा में मंगलवार देर रात फाइनेंस कंपनी के रिकवरी एजेंटों ने 34 यात्रियों से भरी एक निजी बस को अगवा कर लिया। यह घटना मलपुरा थानाक्षेत्र की थी। बस हरियाणा के गुरूग्राम से मध्य प्रदेश के पन्ना जा रही थी।
आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बुधवार को बताया था कि मंगलवार रात साढे़ दस बजे बस जब दक्षिण बाईपास पर रायभा टोल प्लाजा के निकट थी, दो एसयूवी में सवार आठ से नौ लोगों ने उसके आगे अपना वाहन लगाकर उसे रोकने का प्रयास किया। इन लोगों ने दावा किया कि वे फाइनेंस कंपनी के लोग हैं। उन्होंने बस ड्राइवर से नीचे उतरने को कहा लेकिन बस ड्राइवर ने उनकी बात अनसुनी की और गाड़ी चलाता रहा।
उन्होंने बताया था कि एसयूवी पर सवार लोगों ने बस का पीछा किया और मलपुरा क्षेत्र में बस के आगे वाहन लगा दिया। वे बस पर चढ़े और ड्राइवर एवं कंडक्टर को जबरन नीचे उतार दिया। उन्होंने यात्रियों से कहा कि वे चिल्लायें नहीं ।साथ ही आश्वासन दिया कि यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
बाद में चार लोग बस पर सवार हुए और दिल्ली—कानपुर राजमार्ग की ओर बस दौड़ा दी। बस के ड्राइवर और कंडक्टर को दो में से एक एसयूवी में बैठाकर सुबह चार बजे के लगभग राजमार्ग पर ही कुबेरपुर क्षेत्र में उतार दिया गया, जिसके बाद उन्होंने मदद के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क किया।
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